राजस्थान में एक बार फिर हवाई हमलों की तैयारियों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास किया जाएगा। केंद्र सरकार ने ऑपरेशन शील्ड के तहत अभ्यास के लिए नई तिथि 31 मई तय की है। पहले यह अभ्यास 29 मई को प्रस्तावित था, लेकिन गृह मंत्रालय ने इसे स्थगित कर दिया। गृह विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, राज्य के सभी 41 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
प्रत्येक जिले में चयनित स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसमें हवाई हमलों से बचाव, नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, सुरक्षा बलों की त्वरित प्रतिक्रिया और आपातकालीन सेवाओं की तैयारियों का आकलन किया जाएगा। पिछली मॉक ड्रिल में रही थीं खामियां इससे पहले 7 मई को पूरे राज्य में मॉक ड्रिल की गई थी, जिसमें हवाई हमलों की चेतावनी देने और नागरिकों को सतर्क करने के लिए सायरन बजाया गया था। हालांकि, उस अभ्यास में कई जिलों से खामियों की शिकायतें दर्ज की गई थीं। कहीं समय पर सूचना नहीं मिली, तो कहीं सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी थी। इन कमियों को दूर करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने अब मॉक ड्रिल को दोहराने का फैसला किया है।
ब्लैकआउट अभ्यास भी होगा
31 मई को मॉक ड्रिल के दौरान एक निश्चित समय पर ब्लैकआउट भी किया जाएगा। ब्लैकआउट अभ्यास का उद्देश्य यह देखना है कि अगर कोई दुश्मन देश युद्ध की स्थिति में हमला करता है तो आम लोग और प्रशासनिक इकाइयां अंधेरे में कैसे व्यवहार करती हैं। पिछले अभ्यास में लोगों से 15 मिनट तक अपने घरों, दुकानों और दफ्तरों की लाइटें बंद रखने की अपील की गई थी, जो ज्यादातर जगहों पर सफल भी रही थी।
भारत-पाकिस्तान तनाव की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 7 मई को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। इस ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया था, जिसमें करीब 100 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था। इसके बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है।
नागरिक सुरक्षा तैयारियों में व्यस्त
गृह विभाग अब मॉक ड्रिल के लिए जिलों को नए निर्देश भेज रहा है। नागरिक सुरक्षा, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य आपातकालीन सेवाओं ने अभ्यास की तैयारियां शुरू कर दी हैं। मॉक ड्रिल के दौरान किसी भी तरह की अफवाहों से बचने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। राजस्थान सरकार और केंद्र दोनों ही इस अभ्यास को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं, ताकि किसी भी संभावित आपदा या युद्ध जैसी स्थिति में आम नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा की जा सके।
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