राजस्थान के झालावाड़ जिले में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। नामांकन घटने के कारण इन स्कूलों को बंद नहीं किया जाएगा, बल्कि अब छात्र अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी माध्यम में भी पढ़ाई कर सकेंगे। स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी समझने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
गहलोत सरकार के फैसले में संशोधन
गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में ग्राम पंचायतों के हिंदी माध्यम स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित कर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू किए थे। हालांकि, कई बच्चों को अंग्रेजी समझने में दिक्कत होती थी, जिसके कारण नामांकन कम हो गया। अब भजनलाल सरकार ने बच्चों को उनके गांव के स्कूलों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई का विकल्प देने का फैसला किया है। यह फैसला स्कूलों की समीक्षा के लिए गठित मंत्रिस्तरीय समिति ने लिया, जिसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुणाल ने आदेश जारी किए।
झालावाड़ में 26 स्कूल, कई में नामांकन शून्य
झालावाड़ जिले में 26 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित हैं, जिनमें से कई स्कूलों में नामांकन शून्य हो गया है, खासकर पिड़ावा क्षेत्र में। कई स्कूलों के पास अपना भवन भी नहीं है। प्रदेशभर में ऐसे 3737 स्कूल चल रहे हैं। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उन जगहों पर भी स्कूल खोले थे, जहां 15-20 बच्चे ही नामांकित थे और संसाधनों का अभाव था। पिछले सत्र में सरकार ने ऐसे स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया था, लेकिन समीक्षा के बाद उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में चार मंत्रियों की कमेटी बनाई गई। 8 मई को हुई कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर नए दिशा-निर्देश जारी किए गए।
शिक्षकों की कमी दूर करने की योजना
नए निर्णय के तहत अगर किसी स्कूल में हिंदी माध्यम में पढ़ाने के लिए विषय शिक्षक नहीं हैं, तो नजदीकी स्कूल से शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। संबंधित शिक्षक को अपने मूल स्कूल में ही पढ़ाना होगा। विभाग के पास ऐसे शिक्षकों को अतिरिक्त मानदेय देने का विकल्प भी रहेगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों को पढ़ाई में किसी तरह की बाधा न आए।
स्कूलों पर उच्च स्तरीय कमेटी लेगी निर्णय
अब स्थानीय जनप्रतिनिधि ही हिंदी या अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बंद करने, नए स्कूल खोलने या क्रमोन्नत करने के मामले में सिफारिशें कर सकेंगे। अंतिम निर्णय उच्च स्तरीय कमेटी करेगी, जिसमें सत्ता पक्ष व विपक्ष के जनप्रतिनिधि, अभिभावक व विभागीय अधिकारी शामिल होंगे। यदि विपक्ष के प्रतिनिधि आपत्ति दर्ज कराते हैं तो संबंधित स्कूल को बंद भी किया जा सकता है। इसके लिए राज्य स्तर पर समीक्षा कमेटी बनाई जाएगी।
आदेश का इंतजार, अंग्रेजी माध्यम में प्रवेश फिलहाल जारी
झालावाड़ माध्यमिक शिक्षा विभाग के डीईओ हेमराज पारेता ने बताया कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल बंद नहीं किए जा रहे हैं। अब इन स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी के साथ हिंदी माध्यम का भी विकल्प मिलेगा। यह निर्णय सरकार स्तर पर लिया गया है, लेकिन अभी आदेश जिला स्तर पर नहीं पहुंचा है। आदेश मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू होगी। फिलहाल इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों व अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर लेकर आया है, जो अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई से असहज थे। अब देखना यह है कि स्कूलों में नामांकन बढ़ाने में यह नई व्यवस्था कितनी कारगर साबित होगी।