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सरकारी स्कूल के बच्चों ने रचा इतिहास! नासा के क्षुद्र ग्रह खोज कार्यक्रम में होंगे शामिल, पहले 45 दिन तक दी जाएगी ट्रेनिंग

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स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल करौली के लिए यह गौरव की बात है। स्कूल के पांच होनहार विद्यार्थियों का चयन नासा समर्थित 'क्षुद्रग्रह खोज अभियान 2025' के लिए हुआ है।

क्षुद्रग्रहों की खोज
विद्यालय की अटल टिंकरिंग लैब के प्रभारी व्याख्याता अमित कुमार शर्मा इन विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे। इंटरनेशनल एस्टेरॉयड सर्च कोलैबोरेशन (आईएएससी) के इस अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट में कक्षा 12वीं के विद्यार्थी प्रखर औधीच्य, आलिया इमाम, राधा प्रजापत, अंकित मीना और राहुल प्रजापत का चयन हुआ है। ये सभी विद्यार्थी नासा के टेलीस्कोपिक डाटा का उपयोग करेंगे। इससे वे अंतरिक्ष में मौजूद क्षुद्रग्रहों (छोटे पिंडों) की खोज कर सकेंगे। इसमें वे विशेष प्रकार के खगोल विज्ञान सॉफ्टवेयर का उपयोग करेंगे, जिसे उन्हें कंप्यूटर में इंस्टॉल करना होगा।

व्याख्याता अमित कुमार शर्मा ने बताया कि इस अभियान में भाग लेने से पहले उन्होंने स्वयं इसरो निदेशक के साथ ऑनलाइन मीटिंग के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किया और योजना तैयार की। अब वे अपने विद्यालय के विद्यार्थियों को भी इस वैश्विक मिशन में भागीदार बना रहे हैं। चयनित विद्यार्थियों को 45 दिन का विशेष ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय डाटाबेस में दर्ज होगा नाम
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में विद्यार्थियों के लिए बड़ी उपलब्धि संभव है। यदि कोई विद्यार्थी कोई नया क्षुद्रग्रह खोजता है और वह प्रमाणित होता है तो उसका नाम अंतरराष्ट्रीय डाटाबेस में दर्ज किया जाएगा। यह न केवल करौली के लिए गौरव की बात होगी, बल्कि विज्ञान के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार भी खुलेंगे।

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