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आवेश ने गेंदबाज़ी में किया कमाल और बने जीत के हीरो, पर छा गए वैभव सूर्यवंशी

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Getty Images वैभव सूर्यवंशी आईपीएल में खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं

लखनऊ सुपर जाएंट्स ने उतार-चढ़ाव से भरपूर मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स को दो रन से हरा दिया. दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला शनिवार को राजस्थान के जयपुर में खेला गया.

लखनऊ को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले तेज़ गेंदबाज़ आवेश ख़ान रहे. उन्होंने हारी बाज़ी को जीत में बदल दिया.

लखनऊ इस जीत से आठ अंक बनाकर अंकतालिका में पांचवें स्थान पर पहुंच गई है. राजस्थान इस हार के बाद चार अंकों के साथ आठवें स्थान पर है.

लखनऊ सुपर जाएंट्स मैच भले ही जीती है, पर इस मैच में सबसे ज़्यादा सुर्खियां पाने वाले वैभव सूर्यवंशी रहे. उन्होंने अपने प्रदर्शन से दिखाया कि आने वाला कल उनका है.

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image BBC आवेश ने कैसे पलटा मैच image Getty Images तेज़ गेंदबाज़ आवेश ख़ान ने तीन विकेट लिए

मैच के 17वें ओवर तक राजस्थान रॉयल्स आसान जीत की तरफ बढ़ती नज़र आ रही थी, क्योंकि उन्हें आख़िरी तीन ओवरों में जीत के लिए 25 रन बनाने थे.

इस समय विकेट पर यशस्वी जायसवाल और कार्यवाहक कप्तान रियान पराग थे. दोनों जिस तरह से बल्लेबाज़ी कर रहे थे, उससे किसी को भी उनकी जीत के बारे में कोई शक नहीं था.

इस बीच, आवेश ने 18वें ओवर की पहली गेंद पर सटीक यॉर्कर से यशस्वी जायसवाल को बोल्ड करके तगड़ा झटका दिया और इसी ओवर की आख़िरी गेंद पर रियान पराग को एलबीडब्ल्यू कराकर राजस्थान रॉयल्स की कमर तोड़कर अपनी टीम में जीत पाने का भरोसा बनाया.

image BBC ऋषभ पंत का बयान

आवेश ने जब आख़िरी ओवर के लिए गेंद संभाली, तब राजस्थान को जीत के लिए नौ रन बनाने थे और मैच किसी भी तरफ जा सकता था.

पर आवेश ने पहली दो गेंदों पर सिर्फ़ तीन रन दिए और तीसरी गेंद पर हेटमायर को कैच कराकर मैच में अपनी टीम को बेहतर स्थिति में पहुंचाया.

उन्होंने अगली तीन गेंदों पर सटीक यॉर्कर डालकर सिर्फ़ तीन रन देकर अपनी टीम को अप्रत्याशित जीत दिला दी.

आवेश ख़ान ने चार ओवरों में 37 रन देकर तीन विकेट लिए और इस प्रदर्शन पर उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.

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आवेश नहीं बना पाए जश्न image Getty Images तेज़ गेंदबाज़ आवेश ख़ान ने कहा कि हमारा एकमात्र उद्देश्य टीम को जीत दिलाना था

आवेश ख़ान के हाथ में आख़िरी गेंद पर चोट लगी और उन्होंने मैच के बाद कहा, "शुरुआत में मुझे लगा कि हाथ टूट गया है और इस कारण जीत का जश्न भी नहीं मना सका."

उन्होंने कहा, "मैं मिचेल स्टार्क नहीं बनना चाहता बल्कि अच्छा आवेश ख़ान ही बनना चाहता हूं. मैं पूरी स्पष्टता के साथ गेंदबाज़ी करना पसंद करता हूं और इसके लिए थोड़ा समय भी लेता हूं."

आवेश ने कहा, "मैंने पहली तीन गेंदों पर प्रयास किया कि चौका नहीं पड़े. इस ओवर में डेविड मिलर के हाथों कैच छूटने के बाद भी चौका नहीं पड़ना, हिम्मत बंधाने वाला था. हमारा एकमात्र उद्देश्य टीम को जीत दिलाना था."

एलएसजी कप्तान ऋषभ पंत ने कहा, "इस तरह के मैचों से टीम का कैरेक्टर बनता है. एक टीम के तौर पर यह जीत हमें एक अलग ही स्तर पर पहुंचाएगी. इस जीत का सारा श्रेय गेंदबाज़ों को जाता है, क्योंकि उन्होंने महत्वपूर्ण मौकों पर अपनी धड़कनों पर काबू रखा."

अब्दुल समद की पारी ने पैदा किया अंतर image Getty Images अब्दुल समद की 10 गेंदों में 30 रन की पारी भी टीम को जीत दिलाने वाली साबित हुई

एक समय ऐसा लगने लगा था कि लखनऊ टीम 10-15 रन पीछे रह जाने वाली है.

पर अब्दुल समद ने संदीप शर्मा द्वारा फेंके आख़िरी ओवर में चार छक्कों से 27 रन बनाकर टीम के स्कोर को 180 रन तक पहुंचाकर टीम को लड़ने लायक स्थिति में पहुंचा दिया.

सही मायनों में समद की 10 गेंदों में 30 रन की पारी ही टीम को जीत दिलाने वाली साबित हुई.

डेविड मिलर का रंगत में आना टीम के लिए बहुत ही ज़रूरी है. असल में लखनऊ की टीम कप्तान पंत को रंगत में लाने के लिए उनके असफल रहने पर भी लगातार चौथे स्थान पर खिला रही है.

साथ ही मिचेल मार्श, मारक्रम और निकोलस पूरन बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं. इस कारण मिलर को ज़्यादा खेलने का मौका नहीं मिल रहा है.

वह अब तक खेले आठ मैचों में मुश्किल से 80 गेंदें ही खेल सके हैं. लखनऊ को भविष्य में सफलताओं के लिए मिलर को रंगत में लाना होगा.

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वैभव का गौरवशाली पदार्पण image Getty Images वैभव सूर्यवंशी इस मैच में इंपैक्ट खिलाड़ी के तौर पर उतरे थे

वैभव सूर्यवंशी आईपीएल में खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं. उन्होंने 14 साल और 23 दिन की उम्र में अपने आईपीएल करियर की शुरुआत की है.

इससे पहले प्रयास रे बर्मन ने 2014 में आरसीबी के लिए 16 साल की उम्र में खेलकर नया रिकॉर्ड बनाया था.

वैभव इस मैच में इंपैक्ट खिलाड़ी के तौर पर उतरे और शार्दुल ठाकुर की खेली पहली ही गेंद पर छक्का लगाकर सभी को अपना मुरीद बना लिया.

उन्होंने यशस्वी जायसवाल के साथ 85 रन की साझेदारी बनाकर टीम को मज़बूत आधार दिया, जिसका टीम फ़ायदा नहीं उठा सकी.

वैभव ने 20 गेंदों में दो चौकों और तीन छक्कों से 34 रन की पारी खेलकर अपने आगमन का एलान कर दिया है.

कमेंट्री कर रहे अजय जडेजा ने कहा, "14 साल की उम्र में किसी में जोश तो हो सकता है, पर उसमें होश का होना मायने रखता है."

उन्होंने कहा, "सूर्यवंशी ने अपनी पारी के दौरान जो टेंपरामेंट दिखाया है, वह आगे बहुत काम आने वाला है. उन्होंने पहली ही गेंद पर छक्का लगाकर अपनी सोच को दिखाया और सबसे खास बात यह रही कि वह साझेदारी के दौरान कभी हड़बड़ी में नहीं दिखे."

पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने कहा कि 'सूर्यवंशी अपने पहले ही मैच में प्रभाव छोड़ने में सफल रहे हैं. उन्होंने मुझे अपना प्रशंसक बना लिया है और वह बहुत आगे जाएंगे.'

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'पूत के पांव पालने में' image Getty Images वैभव सूर्यवंशी ने पहले मैच में ही अपनी बल्लेबाज़ी से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा

वैभव सूर्यवंशी पर 'पूत के पांव पालने में' कहावत एकदम से सही बैठती है. जिस उम्र में लड़के स्कूली शिक्षा पाने में व्यस्त होते हैं, उस उम्र में वह अपने खेल से दुनिया को अपना मुरीद बना रहे हैं.

वह आईपीएल के शुरू होने के बाद पैदा हुए और इसमें खेलने वाले पहले खिलाड़ी हैं.

बिहार के ताजपुर गांव में एक किसान परिवार में पैदा हुए इस खिलाड़ी में बचपन से ही क्रिकेट को लेकर जुनून को देखकर उनके पिता ने घर के पीछे छोटा मैदान बनाकर उन्हें खेलने का अवसर दिया.

image BBC अजय जडेजा का बयान

पिता ने उनके नौ साल के होने पर उन्हें समस्तीपुर की एक अकादमी में भर्ती करा दिया. वैभव मानते हैं कि वह आज जो भी हैं, उसमें कोच मनीष ओझा की बहुत अहम भूमिका है.

वह बताते हैं कि अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी के ट्रायल में भाग लेने पर कम उम्र की वजह से उन्हें स्टैंड बाई खिलाड़ियों में रख लिया गया, जिस कारण उन्हें कोच मनीष ओझा से कोचिंग मिलने का अवसर मिल सका.

वैभव पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अंडर-19 यूथ टेस्ट में 64 गेंदों में शतक ठोक चुके हैं. उन्होंने अंडर-19 एशिया कप में 44 के औसत से 176 रन बनाकर सभी को प्रभावित किया था.

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मारक्रम ने संभाला मोर्चा image Getty Images एडन मारक्रम ने इस मैच में एलएसजी के लिए 66 रनों की पारी खेली

लखनऊ का स्कोर 54 रन पहुंचने तक उसे मिचेल मार्श, निकोलस पूरन और ऋषभ पंत के विकेट के रूप में तगड़े झटके लग गए थे.

इस स्थिति में एडन मारक्रम ने मोर्चा संभाला और अच्छी रन गति से स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाए रखा. मारक्रम को आयुष बडोनी के रूप में अच्छा जोड़ीदार मिला.

पंत के आउट होते ही बडोनी को इंपैक्ट खिलाड़ी के तौर पर उतारने का फै़सला किया गया. इससे तेज़ गेंदबाज़ मयंक यादव के खेलने का मौका खत्म हो गया.

बडोनी ने टीम द्वारा जताए भरोसे पर खरा उतरकर अर्धशतक जमाया. वहीं, मारक्रम ने 66 रन बनाने के अलावा बडोनी के साथ 49 गेंदों में 76 रन की साझेदारी बनाकर टीम को पटरी पर ला दिया.

मारक्रम ने एक के बाद एक झटके लगने पर भी रन गति को थमने नहीं दिया और 146 की स्ट्राइक रेट से खेलते हुए पांच चौके और तीन छक्के लगाए.

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गुजरात टाइटंस टॉप पर image Getty Images शुभमन गिल की कप्तानी में गुजरात टाइटंस अंकतालिका में शिखर पर पहुंच गई है

गुजरात टाइटंस ने दिल्ली कैपिटल्स को सात विकेट से हरा दिया और वह अंकतालिका में शिखर पर पहुंच गई है. गुजरात ने सबसे बड़े लक्ष्य को पाकर यह जीत प्राप्त की है.

दिल्ली ने पहले बल्लेबाज़ी करके आठ विकेट पर 203 रन बनाए. गुजरात ने जोस बटलर के 97 रनों और रदरफोर्ड के साथ मिलकर की गई उनकी 119 रनों की साझेदारी ने जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.

गुजरात को जीत के लिए आख़िरी ओवर में 10 रनों की ज़रूरत थी. तेवतिया ने मिचेल स्टार्क की पहली गेंद पर छक्का और दूसरी गेंद पर चौका लगाकर टीम को जीत दिला.

पर तेवतिया के इन तेवरों की वजह से बटलर अपने शतक से मात्र तीन रन से दूर रह गए.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.

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