भारत में पुराने समय से तांबे के बर्तन में पानी पीने की परंपरा चली आ रही है। माना जाता है कि इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है, शरीर डिटॉक्स होता है और इम्यूनिटी भी बढ़ती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फायदेमंद आदत के साथ कुछ जरूरी सावधानियां भी जुड़ी होती हैं?
अगर इन सावधानियों को नजरअंदाज किया जाए, तो यह फायदे की बजाय नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइए जानें तांबे के बर्तन से पानी पीने के सही तरीके और इससे जुड़ी जरूरी टिप्स:
⏳ 1. बहुत देर तक पानी न रखें
तांबे के बर्तन में पानी अधिकतम 11 से 12 घंटे तक ही रखें।
इससे अधिक समय तक रखने पर पानी में कॉपर की मात्रा बढ़ सकती है, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।
अधिक कॉपर लेने से हो सकते हैं – पेट दर्द, उल्टी, चक्कर और यहां तक कि आंतों में सूजन।
🍋 2. खट्टी चीजें कभी न रखें
तांबे के बर्तन में नींबू पानी, छाछ, दही या अचार जैसी खट्टी चीजें रखने से रिएक्शन होता है।
इससे जहरीले तत्व बन सकते हैं, जो स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सुबह खाली पेट नींबू-शहद वाला पानी भी तांबे के बर्तन में न पिएं।
💥 3. एसिडिटी है तो तांबे का पानी अवॉइड करें
तांबे के बर्तन में रखा पानी ‘चार्ज’ हो जाता है, जिससे उसकी तासीर गर्म हो जाती है।
अगर आपको एसिडिटी या गैस की समस्या रहती है तो इससे बचें।
❤️ 4. हार्ट पेशेंट्स सावधानी बरतें
शरीर में कॉपर की मात्रा सीमित होनी चाहिए। वयस्कों को प्रतिदिन करीब 0.90 mg कॉपर की आवश्यकता होती है।
ज्यादा कॉपर लेने से दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।
अगर आप हार्ट पेशेंट हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही तांबे के बर्तन का पानी पिएं।
🧼 5. तांबे के बर्तन की सफाई जरूरी
हर 15 दिन में बर्तन को नींबू, रेत या नमक से साफ करें।
रोजाना हल्के गुनगुने पानी से धोकर इस्तेमाल करना अच्छा रहेगा।
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