यूं तो आईपीएल में खिलाड़ियों के बीच मैच के दौरान, आपसी झड़प/झगड़े के कई किस्से हैं पर जो गूंज आईपीएल 2008 यानि कि पहले ही सीजन में हरभजन सिंह के टीम इंडिया के साथी क्रिकेटर श्रीसंत को मारे थप्पड़ की सुनाई दी, उसका जवाब नहीं। कई करोड़ रूपये और मैच खेलने से बैन की सजा वाला पड़ा ये हरभजन सिंह को ये। तो सीधे चलते हैं इस किस्से पर, इससे जुड़ी कुछ ख़ास बातों के साथ :
मैच कौन सा था: मोहाली में 25 अप्रैल 2008 को किंग्स इलेवन पंजाब-मुंबई इंडियंस। स्कोर कार्ड :
किंग्स इलेवन पंजाब 182 मुंबई इंडियंस 116/9 किंग्स इलेवन की 66 रन से जीत प्लेयर ऑफ द मैच कुमार संगकारा 94 (56)
हुआ क्या था: नियमित कप्तान सचिन तेंदुलकर के फिट न होने से मैच में, मुंबई इंडियंस के कप्तान थे हरभजन सिंह। मैच के दौरान किंग्स इलेवन के श्रीसंत और हरभजन के बीच बहस और गुस्सा देखने को मिला था। जब मैच के बाद दोनों टीम के खिलाड़ी एक दूसरे से हाथ मिला रहे थे तब गुस्से में और अपनी टीम की हार से बौखलाए, हरभजन ने श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया। एक रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि श्रीसंत ने हरभजन को धक्का दिया तो उन्होंने थप्पड़ मार दिया। इस घटना की कोई वीडियो नहीं है- बीसीसीआई ने इसे रोक दिया। सिर्फ श्रीसंत के रोते हुए पवेलियन लौटने की पिक्चर देखने को मिलती हैं और ये आज तक, आईपीएल की सबसे ज्यादा सर्कुलेट पिक्चर में से एक है। ये किस्सा #39;स्लैपगेट#39; के नाम से मशहूर हुआ। अगले दिन की अख़बारों में इस थप्पड़ की खबर पहले पेज पर थी।
इसके बाद क्या हुआ: हालांकि हरभजन ने बिना देरी किए माफी मांग ली और श्रीसंत ने भी कहा कि गलतफहमी दूर हो गई है (कुछ साल बाद एक इंटरव्यू में श्रीसंत ने बताया कि सचिन तेंदुलकर ने बिना देरी किए दोनों की दोस्ती करा दी थी) लेकिन जो बहस चली उसमें ख़ास मुद्दा ये था कि हाई ऑक्टेन मैच में खिलाड़ी अपनी भावनाओं पर काबू न रखें तो वे खेल भावना की हर सीमाओं को लांघ जाते हैं। इसलिए जोर इस बात पर था कि इस घटना को ऐसी मिसाल बनाओ कि और कोई भी खिलाड़ी ऐसा करने से डरे। हरभजन ने कई साल बाद भी कहा- #39;यह सही नहीं था भाई। मेरी गलती थी। ऐसा नहीं करना चाहिए था। लेकिन गलती हुई, इंसान हूं भगवान नहीं।#39;
तो मिसाल कैसे बनाई: हालांकि दोनों खिलाड़ियों ने आपस में ये मामला सुलझा लिया और श्रीसंत ने तो ये भी बताया कि उसी रात दोनों डिनर पर एक साथ गए थे पर मीडिया में ये किस्सा एक बड़ी चर्चा बन गया। सबसे पहले तो हरभजन सिंह को बचे आईपीएल सीजन के लिए सस्पेंड कर दिया। श्रीसंत ने अपील की कि इस घटना को तूल न दें, ये थप्पड़ मारना नहीं था और सिर्फ हाथ से धक्का दिया पर बात बिगड़ चुकी थी। श्रीसंत आज तक कहते हैं कि मीडिया ने पूरे मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और माहौल बिगाड़ा।
किसे क्या सजा मिली :
हरभजन सिंह को दोहरी सजा मिली :
1. 29 अप्रैल 2008 को ऑफिशियल तौर पर, मैच रेफरी फारुख इंजीनियर ने हरभजन सिंह को आईपीएल के बचे सीजन में कोई भी मैच खेलने से रोक दिया यानि कि 11 (फाइनल खेले तो 13) मैच का बैन। हरभजन सिंह का कॉन्ट्रैक्ट तब लगभग 3.4 करोड़ रुपये का था और इसमें से सिर्फ 2 मैच की फीस मिली यानि कि लगभग 2.94 करोड़ रुपये का नुकसान।
2. चूंकि वे बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ी थे, इसलिए बीसीसीआई ने न सिर्फ अलग से स्पष्टीकरण मांग लिया, मामले की जांच के लिए एक मेंबर का पैनल (एडवोकेट सुधीर नानावटी) बना दिया और इसे 15 दिनों में बीसीसीआई चीफ शरद पवार को रिपोर्ट देने के लिए कहा। तब तक माहौल में कुछ बदलाव आ चुका था और जहां एक तरफ हरभजन ने #39;माफी मांगी#39;, ये भी कहा जा रहा था कि श्रीसंत भी कोई कम नहीं। इसके अतिरिक्त, एक गलती के लिए दो सजा क्यों मिलें? यहां मंकीगेट मामले में हरभजन की बदनामी भी उनके विरुद्ध जा रही थी।
सुधीर नानावटी ने 14 पेज की रिपोर्ट बीसीसीआई को दी। बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता वाली डिसिप्लिनरी कमेटी ने उसके आधार पर, भज्जी पर 5 वनडे इंटरनेशनल का बैन लगाया- वे बांग्लादेश टूर और एशिया कप के 2 मैचों की टीम से बाहर हो गए। साथ में चेतावनी कि यदि दोबारा ऐसा कुछ किया तो आजीवन बैन भी लगाया जा सकता है।
मुंबई टीम के कोच लालचंद राजपूत पर आईपीएल ने 50 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना लगाया- आरोप था कि वे हरभजन के पीछे खड़े थे और हरभजन को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
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श्रीसंत को भी बोर्ड ने चेतावनी दी कि ग्राउंड पर अपना व्यवहार सुधारें। यदि भविष्य में ऐसा कुछ किया तो उनके साथ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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