एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की सैटलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक जल्द ही भारत में बड़ा धमाल करने वाली है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत में स्टारलिंक की शुरुआत के लिए अंतरिक्ष विभाग (DoS) के तहत नोडल एजेंसी IN-SPACe से जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। मस्क की स्टारलिंक की भारत एंट्री पर अपडेट के बारे में कई लोग जानना चाहते हैं। इससे देश के दूर-दराज इलाकों में इंटरनेट की समस्या पर समाधान मिलेगा। स्टारलिंक की भारत एंट्री पर ताजा अपडेट?भारत में अपनी सर्विस शुरू करने के लिए स्टार लिंक को अभी भी इन स्पेस ऐसे रेगुलेटरी मंजूरी मिलनी बाकी है। यह एलन मस्क की कंपनी के लिए आखिरी बड़ी बाधा को पार करने जैसा है क्योंकि इसकी मंजूरी मिलने के बाद कंपनी भारत में अपनी सेवाएं शुरू कर सकती हैं। इसके पहले भारत सरकार के नियम जैसे डाटा लोकलाइजेशन, सुरक्षा मंजूरी, स्पेक्ट्रम आवंटन जैसी बड़ी चुनौतियां पार की चुकी है। कंपनी ने एयरटेल और जियो जैसे दिग्गज टेलीकॉम ऑपरेटरों के साथ साझेदारी करके इन चुनौतियों को दूर किया। क्या काम करेगी स्टारलिंक? यह स्पेसएक्स द्वारा संचालित एक सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सर्विस है। ये लो अर्थ ऑर्बिट के छोटे सैटेलाइट्स के नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट की हाई स्पीड प्रदान करती है। यह ऐसे इलाकों में भी हाई स्पीड इंटरनेट पहुंचा सकती है जहां ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध नहीं है। चाहे वह दूर-दराज के गांव हो, पहाड़ी क्षेत्र हो या फिर सुदूर जंगल इलाका। मस्क की कंपनी का लक्ष्य हर कोने में इंटरनेट पहुंचना है। भारत सरकार ने 5 मई 2025 को स्टार लिंक को सैटलाइट कम्युनिकेशन सेवाओं के लिए लेटर आफ इंटेंट जारी किया था। भारत सरकार की इस मंजूरी के बाद भी अभी अंतिम मंजूरी बाकी है। सूत्रों का कहना है कि यह प्रक्रिया अंतिम चरण में है। भारत में मजबूत साझेदारी भारत में अपनी पहुंच को मजबूत बनाने के लिए स्टार लिंक ने रिलायंस जियो और भारतीय एयरटेल के साथ साझेदारी की है। जियो अपने रिटेल स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए स्टारलिंक के उपकरण बेचेगी और इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को आसान बनाएगी। एयरटेल ने लक्ष्य रखा है कि स्टार लिक की सेवाओं को जोड़कर ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट को पहुंचाया जाएगा। यह साझेदारी केवल स्टारलिंक के लिए ही नहीं बल्कि जियो और भारतीय एयरटेल के लिए भी मुनाफेदार है। अभी भी भारत के कई ऐसे क्षेत्र है जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी की समस्या है। स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा ऐसे इलाकों में डिजिटल क्रांति ला सकती है। यह सेवा आपदा प्रबंधन और सैन्य संचार जैसे क्षेत्रों में भी उपयोगी हो सकती है।
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