इंडसइंड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO सुमंत कठपालिया ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उनके इस फैसले से बैंकिंग सेक्टर में हलचल मच गई है। यह इस्तीफा बैंक को वित्त वर्ष 2024-25 में अकाउंटिंग में चूक से हुए 1,960 करोड़ रुपये के नुकसान से जुड़ा है। सुमंत कठपालिया के इस्तीफे में नैतिक जिम्मेदारी की बातसुमंत कठपालिया ने अपने इस्तीफे में यह कहा है कि वह बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में आई गड़बड़ियों की नैतिक जिम्मेदारी ले रहे हैं। जिसके कारण वे इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे ध्यान में ले गए विभिन्न कमीशन चूक के लिए मैं नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। इंडसइंड बैंक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सुमंत कठपालिया का इस्तीफ़ा 29 अप्रैल 2025 को कार्यालय समय समाप्त होने के साथ प्रभावी हो गया।सुमंत कठपालिया को आरबीआई से मिला था एक्सटेंशन आरबीआई ने मार्च महीने में सुमंत कठपालिया को MD-CEO के पद पर एक्सटेंशन भी दिया था। इसके पहले भी आरबीआई द्वारा एक साल का एक्सटेंशन दिया गया था। कठपालिया को फुल टर्म के लिए पदभार नहीं सौंपा गया था। डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने भी दिया था इस्तीफा इसी लेखांकन गड़बड़ी के कारण 28 अप्रैल 2025 को ही इंडसइंड बैंक के डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफा में कारण बताया था कि उनकी ट्रेजरी फ्रंट ऑफिस की देखने की जिम्मेदारी थी, इसलिए वे इस मामले की जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो गड़बड़ी का क्या है यह मामला 10 मार्च 2025 को बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी थी कि उन्हें डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी का पता चला है। यह मामल इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लंबे समय से चली आ रही लेखांकन गड़बड़ियों से जुड़ा है। बैंक के द्वारा यह भी कहा गया था कि सामने आई अनियमितताओं का बैंक की नेटवर्थ पर 2.35% का नकारात्मक असर पड़ सकता है। बैंक के द्वारा शुरुआत में यह नुकसान 1530 करोड़ रुपये बताया गया, लेकिन बाद में 26 अप्रैल 2025 को ग्रैंड थॉटटन की जांच रिपोर्ट में 1,959.98 करोड़ रुपये के नुकसान की पुष्टि हुई। यह गड़बड़ी मुख्य रूप से आंतरिक डेरिवेटिव सौदों के गलत लेखांकन के कारण हुई है। जिनमें काल्पनिक मुनाफा दर्ज करके वास्तविक स्थिति को छुपाया गया। यह भी सामने आया है कि यह गड़बड़ी पिछले 5 से 7 सालों से चली आ रही हैं। आरबीआई को नेतृत्व के लिए था असंतोष ?मार्च 2025 में ही आरबीआई ने सुमंत कठपालिया और अरुण खुराना को लेखांकन गड़बड़ियों के कारण इस्तीफा देने के लिए कहा था। बैंक के बोर्ड द्वारा जब सुमंत कटपालिया के कार्यकाल को 3 साल के लिए बढ़ाने की मांग की गई थी, तब आरबीआई ने केवल एक साल के लिए कार्यकाल को बढ़ाने के मंजूरी दी थी। जिससे यह भी माना जा रहा है कि आरबीआई को बैंक के नेतृत्व पर पहले से ही असंतोष था। सुमंत कठपालिया कौन हैं?सुमंत कठपालिया चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की है। वे सिटीबैंक, बैंक ऑफ अमेरिका और ABN AMRO जैसे वैश्विक बैंकों में लगभग 30 साल से अधिक समय काम कर चुके हैं। मार्च 2020 से उन्होंने इंडसइंड बैंक के CEO के रूप में काम संभाला था।
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