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अजीत अगरकर: भारतीय क्रिकेट में बदलाव और चुनौतियाँ

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भारतीय क्रिकेट में बदलाव की लहर

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा और प्रमुख बल्लेबाज विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से टीम में हलचल मची हुई है। इन दोनों दिग्गजों के जाने के बाद भारतीय टीम में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट श्रृंखला में नए खिलाड़ियों को मौका दिया गया है, और शुभमन गिल को टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है। इस सब के बीच, बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर सुर्खियों में हैं। आइए, जानते हैं इस स्थिति का पूरा विवरण।


अजीत अगरकर की चयनकर्ता की भूमिका

अजीत अगरकर, जो हाल ही में मुख्य चयनकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं, ने T20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसी महत्वपूर्ण श्रृंखलाओं के लिए टीम का चयन किया है। उनके द्वारा चुनी गई टीम ने कई सफलताएँ हासिल की हैं, और अब इंग्लैंड के खिलाफ उनकी टीम से क्रिकेट प्रेमियों को बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है। अगरकर के क्रिकेट करियर की बात करें, तो उन्होंने भारत के लिए 26 टेस्ट और 119 वनडे मैच खेले हैं, और टेस्ट क्रिकेट में 288 विकेट लिए हैं।


लॉर्ड्स में अगरकर का शतक

अजीत अगरकर के नाम लॉर्ड्स के मैदान पर एक टेस्ट शतक भी है। क्रिकेट के मैदान पर उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एक समय ऐसा भी आया जब वह लगातार पांच पारियों में रन बनाने में असफल रहे। 1999 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जहां उन्होंने गेंदबाजी में तीन टेस्ट में 11 विकेट लिए।


1998 में टेस्ट क्रिकेट में कदम

अजीत अगरकर ने 1998 में जिंबाब्वे के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। इस मैच में उन्होंने 9 रन बनाए और दो विकेट लिए। इसके बाद, उन्हें अगले वर्ष एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का अवसर मिला, जहां उन्होंने पहली पारी में 19 रन बनाए और दूसरी पारी में अपना विकेट गंवाया। इस मैच में उन्होंने कुल पांच विकेट लिए।


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