Cold Wave Forecast: दुनिया के मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दिया है कि इस साल के अंत तक ला नीना की स्थिति विकसीत हो जाएगी, जिसकी वजह से मौसम का पैटर्न बदलेगा। इस साल भारत में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। अमेरिका की नेशनल वेदर सर्विस के क्लाइमेट प्रेडिक्शन केंद्र ने बताया कि भारत में 11 सितंबर के बाद ला नीना बनने की 71% संभावना है। इस साल जनवरी तक भारत में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। फरवरी में इसका असर थोड़ा कम हो जाएगा।
भारतीय मौसम विज्ञान ने जारी की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार इस बार ला नीना का प्रभाव भारत में ज्यादा देखने को मिलेगा इसके वजह से भारत के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। अक्टूबर नवंबर से ठंड का प्रकोप काफी बढ़ जाएगा। उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश समेत उत्तरी भारत में इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा।
निजी मौसम संस्था स्काईमेट वेदर के अध्यक्ष जेपी शर्मा ने कहा कि अल्पकालिक ला नीना की स्थिति से इनकार नहीं कर सकते हैं। इस बार पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान माइनस 0.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। जेपी शर्मा ने कहा कि औपचारिक घोषणा न हो लेकिन प्रशांत महासागर का ठंडा होना वैश्विक मौसम को प्रभावित करेगा।
इस बार अमेरिका में सुखी सर्दी होने का खतरा है जबकि भारत में कड़ाके की ठंड और हिमालय के क्षेत्र में बर्फबारी हो सकती है। ब्राजील के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में इस बार काफी ज्यादा ठंड देखने को मिलेगी। ठंड के वजह से उत्तरी भारत में काफी परेशानियां बढ़ जाएगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड के मौसम में भी कई बार बारिश हो सकती है जिसके वजह से मौसम में और ज्यादा बदलाव देखने को मिल जाएगा। तेज बारिश लोगों के लिए परेशानियां बढ़ाएगी। यूपी बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा में इस बार अधिक ठंड पड़ेगी। इसको लेकर अभी से अलर्ट जारी किया गया है।
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