काढ़ा चाहें तेजपत्ते का बना हो या सोंठ वग़ैरह का सभी काफ़ी गुणकारी होते हैं। इतना ही नहीं तेज पत्ता और सोंठ वग़ैरह हर भारतीय परिवार के किचन में रहता ही है। वैसे काढ़े का इस्तेमाल हम सभी के लिए कोई कोरोना काल की देन नहीं। हम सभी तो बचपन से अलग-अलग प्रकार का काढ़ा देखते और पीते हुए आएं हैं। ऐसे में हम बात तेज़ पत्ते के काढ़े की करने जा रहें कि आख़िर वह हमारे शरीर के लिए कितना गुणकारी है। बता दें कि तेजपत्ता एक ऐसा मसाला है। जिसका इस्तेमाल हर घर की रसोई में होता है। अमूमन ज्यादातर घरों में इसका उपयोग सब्जी में किया जाता है और ऐसा मानते हैं कि इसके उपयोग से सब्जी के स्वाद में एक अलग ज़ायका आ जाता है।
यह तो हुई तेजपत्ते के सामान्य घरों में होने वाले उपयोग की। वैसे देखें तो तेज़ पत्ता सिर्फ़ सब्जियों का स्वाद बढ़ाने का कार्य नहीं करता। यह तो अपने भीतर कई औषधीय गुणों को समेटे हुए हैं। बस ज़रूरत है तो इसके गुणों को परखने और समझने की।
तेज़ पत्ता औषधीय गुणों में इतना तेज़ होता है कि इसके इस्तेमाल से हम कई रोगों को दूर भगा सकते, लेकिन बशर्तें की इसका उपयोग कैसे और कितना करें। वह पता होना ज़रूरी है। तो आइए जानते हैं तेज़ पत्ते का इस्तेमाल करके कैसे हम बनाएं अपने-आप को निरोगी…
गौरतलब हो, सामान्य रूप से जिस तेज़-पत्ते का उपयोग हम सिर्फ़ सब्जी में स्वाद बढ़ाने के लिए करते और खाना खाते हुए थाली से तेज़ पत्ते को निकालकर अलग एक किनारे रख देते। उसमें एक से बढ़कर एक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमे कॉपर, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम और आयरन आदि पाया जाता है। जो कई बीमारियों से तो हमें बचाता है ही, साथ ही साथ यह कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों से भी बचा सकता, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाया जाता है जो कैंसर से लेकर दिल से जुड़ी समस्याओं से हमें निज़ात दिलाता है। कोरोना काल में काढ़े का चलन काफ़ी बढ़ा है तो आइए जान लेते हैं कि काढ़े के रूप में कैसे और कितना तेज़ पत्ते का उपयोग हम कर सकते हैं।ताकि हम हष्ट-पुष्ट और तंदुरुस्त रह सकें।
ऐसे तैयार करें तेज़ पत्ते का काढ़ा
तेज़ पत्ते का काढ़ा बनाने के लिए हमें 10 ग्राम तेजपत्ता, 10 ग्राम अजवायन और 5 ग्राम सौंफ को एक साथ पीसकर उसका मिश्रण तैयार कर लेना चाहिए। उसके बाद तैयार मिश्रण को 1 लीटर पानी में डालकर अच्छी तरह से उबालें। जब पानी उबलने के बाद 100-150 मिलीलीटर बच जाए फ़िर गैस बंद कर देना चाहिए। उसके बाद जब उबला हुआ मिश्रण ठंडा हो जाएं फ़िर उसका लुफ़्त उठाया जा सकता है। बता दें तेज पत्ते का यह काढ़ा सिर दर्द, कमर दर्द से लेकर ठंड लगने और मोच आने पर उपयोग करना लाभकारी सिद्ध होता है। इतना ही नहीं तेज़ पत्ते का काढ़ा दिल और कैंसर जैसी बीमारियों में भी फायदेमंद साबित होता है।
यह तो हुई बात तेज़-पत्ते और उससे बने काढ़े के फ़ायदे की। ऐसे में मालूम हो कि तेज़ पत्ता पकवान का ज़ायका बढाने के साथ ही साथ उससे बनें काढ़े के अलावा भी कई तरीक़े से मानव शरीर को फ़ायदा पहुँचा सकता है। गौरतलब हो कि अगर किसी को किडनी स्टोन और किडनी से जुड़ी समस्या है तो उसके लिए तेज़ पत्ते का उपयोग करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। उस व्यक्ति को करना सिर्फ़ इतना है कि तेजपत्ते को उबालकर उस पानी को ठंडा करके पीना है। जिससे किडनी स्टोन और किडनी से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। वहीं अगर रात को सोने से पहले तेजपत्ते का इस्तेमाल किया जाए तो अच्छी नींद आती है। अच्छी नींद के लिए तेजपत्ते के तेल की कुछ बूंदों को पानी में मिलाकर पीने से अच्छी नींद आती है। और तो और तेजपत्ते का इस्तेमाल टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह ब्लड शुगर के लेवल को सामान्य बनाए रखता है और दिल की क्रियाशीलता पर भी सकरात्मक प्रभाव डालता है। ऐसे में मधुमेह पीड़ितों के लिए तेज़ पत्ते का उपयोग किसी रामबाण औषधि से कम नहीं। कुल-मिलाकर देखें तो तेज पत्ता हर दृष्टिकोण से मानव स्वस्थ के लिए गुणकारी है। फ़िर चाहें उसका उपयोग काढ़े के रूप में हो या तेल या फ़िर सामान्य रूप से।
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