New Delhi, 16 अक्टूबर . India की खाद्य सुरक्षा प्रणाली का लक्ष्य 81 करोड़ लोगों को सुरक्षित और पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराना है. यह बात Government ने विश्व खाद्य दिवस 2025 के मौके पर कही.
हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों में सुरक्षित, पौष्टिक और टिकाऊ भोजन के महत्व को समझाया जा सके. इस साल का थीम ‘बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए साथ मिलकर काम करना’ है.
Government ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ”खाद्य सुरक्षा यह सुनिश्चित करती है कि हर व्यक्ति के पास हमेशा इतना भोजन होना चाहिए जो उसकी जरूरतों और पसंद के अनुसार सुरक्षित और पोषणयुक्त हो, ताकि वह स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सके. इसके लिए न केवल पर्याप्त भोजन का उत्पादन जरुरी है, बल्कि उसका सही और समान वितरण भी उतना ही आवश्यक है.”
बयान में आगे कहा गया, ”India की खाद्य सुरक्षा की योजना दो मुख्य हिस्सों पर आधारित है. पहला है कृषि उत्पादन को मजबूत करना और दूसरा है उत्पादित भोजन का समान और उचित वितरण.”
पिछले कुछ वर्षों में India ने खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए हैं. ये कार्यक्रम गरीबी कम करने, कुपोषण मिटाने और कृषि क्षेत्र को टिकाऊ बनाने पर केंद्रित हैं.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) 2013 के तहत करीब 81 करोड़ लोगों को सस्ते दामों पर अनाज दिया जाता है. इसके अलावा Prime Minister गरीब कल्याण अन्न योजना, विकेंद्रीकृत खरीद योजना और ओपन मार्केट सेल स्कीम जैसी योजनाएं हैं जो खाद्य अनाज की कीमतों को स्थिर बनाए रखती हैं और गरीब परिवारों को भूख और कुपोषण से बचाती हैं.
साथ ही, India ने गेहूं, दाल, दूध, शहद जैसे खाद्य पदार्थों के उत्पादन को भी बढ़ाया है. 2007-08 में शुरू हुई राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन के नाम से जानी जाती है, जो उत्पादन के साथ-साथ पोषण पर भी खास ध्यान देती है. इस मिशन के तहत खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाकर केंद्रीय पूल के लिए खाद्यान्न सुनिश्चित किए जाते हैं. वहीं, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के जरिये इन खाद्य सामग्री को जरूरतमंदों तक सही और समान रूप से पहुंचाया जाता है.
Government ने कहा, ”पिछले एक दशक में India ने खाद्यान्न उत्पादन में करीब 90 मिलियन टन की बढ़ोतरी दर्ज की है. इसी दौरान फल और सब्जियों का उत्पादन भी 64 मिलियन टन से अधिक बढ़ा है.”
Government ने आगे कहा, ”वैश्विक स्तर पर India दूध और बाजरे के उत्पादन में शीर्ष स्थान पर है, जबकि मछली, फल और सब्जियों के उत्पादन में दूसरे नंबर पर है. शहद और अंडे का उत्पादन भी 2014 के मुकाबले दोगुना हो गया है. India की कृषि निर्यात भी पिछले 11 सालों में लगभग दोगुनी हो चुकी है.”
Government ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई और योजनाएं भी शुरू की हैं. इनमें
Prime Minister गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई), चावल संवर्धन पहल, प्रत्यक्ष लाभार्थी हस्तांतरण (डीबीटी), एकीकृत बाल विकास योजनाएं, पीएम पोषण (पोषण शक्ति निर्माण) योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी), सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और खुले बाजार में बिक्री योजना (घरेलू) शामिल हैं.
Government का कहना है कि ये सभी प्रयास और योजनाएं India की भूख और कुपोषण को खत्म करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करती हैं कि देश के सभी नागरिकों को पर्याप्त और पोषणयुक्त भोजन मिले, जिससे वे स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकें.
–
पीके/डीएससी
You may also like
Rajasthan: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और हनुमान बेनीवाल में तनातनी का मामला आया सामने, बात पहुंच गई हेलीकॉप्टर तक
Tata ला रही 2 साल में SUV की पूरी 'फौज', Hyundai और Maruti को देगी झटका!
Confirm Tatkal Ticket : दीवाली-छठ में ट्रेन का कन्फर्म सीट चाहिए? ये Tatkal टिप्स अपनाएं और परेशानी से बचे
महिला का बैग एयरपोर्ट पर चेक किया तो उड़े अधिकारियों` के होश, चोरी से लेकर जा रही थी 130 जहरीले मेंढक, मच गया हड़कंप
एनर्जी सेक्टर की इस कंपनी का प्रॉफिट हुआ डबल, डिविडेंड भी दे रही है कंपनी, FII भी बढ़ा रहे हैं हिस्सेदारी