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'संवत्सरी' क्षमाशीलता की सुंदरता और करुणा की शक्ति का स्मरण कराती है : पीएम मोदी

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New Delhi, 27 अगस्त . जैन धर्म में संवत्सरी महापर्व बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस दिन ‘मिच्छामी दुक्कड़म्’ कहने की परंपरा है, जिसका गहरा धार्मिक महत्व है. ‘मिच्छामी दुक्कड़म्’ सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और क्षमा का प्रतीक है. संवत्सरी के पावन अवसर पर Prime Minister Narendra Modi ने सभी नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं तथा क्षमा, करुणा और सच्चे मानवीय संबंध के शाश्वत मूल्यों पर जोर दिया.

पीएम Narendra Modi ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि संवत्सरी क्षमाशीलता की सुंदरता और करुणा की शक्ति का स्मरण कराती है. यह लोगों को ईमानदारी से रिश्ते मजबूत करने के लिए प्रेरित करती है. इस पावन अवसर पर हमारे हृदय विनम्रता से भरे रहें और हमारे कार्यों में दया एवं सद्भावना दोनों झलकें. मिच्छामि दुक्कड़म्.

संवत्सरी, जैन धर्म के पर्यूषण पर्व का अंतिम और बेहद ही महत्वपूर्ण दिन है, जिसे क्षमा का वार्षिक दिवस भी माना जाता है. जैन धर्म के अनुयायी इस दिन अपने मन, वचन और काया से लिए गए अपने कार्यों के लिए सभी जीवों से माफी मांगते हैं और सभी को क्षमा भी करते हैं. यह पश्चाताप, आत्म-चिंतन और आंतरिक शुद्धि का प्रतीक है, जिससे लोग अपने मन को साफ करते हैं और आध्यात्मिक शांति से जुड़ते हैं.

इससे पहले Prime Minister Narendra Modi ने एक्स पर पोस्ट कर गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि आप सभी को गणेश चतुर्थी की ढेरों शुभकामनाएं. श्रद्धा और भक्ति से भरा यह पावन अवसर हर किसी के लिए शुभकारी हो. भगवान गजानन से प्रार्थना है कि वे अपने सभी भक्तों को सुख, शांति और उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद दें. गणपति बाप्पा मोरया.

डीकेपी/

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