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रांची : 16वें वित्त आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ की बैठक, झामुमो-भाजपा आए आमने-सामने

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रांची, 30 मई . झारखंड के चार दिवसीय दौरे पर आई 16वें वित्त आयोग की टीम ने शुक्रवार को रांची में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. आयोग ने राज्य की स्थिति, आम नागरिकों की आवश्यकताओं, समस्याओं और विकास योजनाओं के प्रति राजनीतिक दलों की अपेक्षाओं और दृष्टिकोण की जानकारी ली.

सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, विपक्षी पार्टी भाजपा और आजसू के नेताओं ने आयोग के समक्ष अलग-अलग मांगपत्र भी पेश किया. झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने आयोग से कहा कि झारखंड को विकास योजनाओं में केंद्र सरकार से पर्याप्त और अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा.

उन्होंने राज्य की जमीन पर खनन के एवज में केंद्रीय कोयला कंपनियों के पास 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपए की राशि बकाया होने का मुद्दा उठाया. झामुमो महासचिव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वित्त आयोग राज्य को हमारे हक की बकाया राशि का भुगतान कराने के लिए उचित सिफारिश करेगा.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद एवं विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने आयोग के समक्ष कुल 22 बिंदुओं पर पार्टी का पक्ष रखा. भाजपा नेताओं ने राज्य की सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन और केंद्रीय अनुदान की राशि खर्च करने में अनियमितता और अपारदर्शिता का आरोप लगाया.

पार्टी ने कहा कि राज्य में पिछले चार वर्षों से आधारभूत संरचना के विकास का काम बुरी तरह बाधित है. उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद राज्य में नगर निकायों का चुनाव दो साल से भी अधिक समय से लंबित रहने का मुद्दा उठाते हुए भाजपा ने कहा कि इस वजह से शहरी विकास पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. चुनाव न होने से राज्य को करीब 1,500 करोड़ की केंद्रीय सहायता से वंचित होना पड़ा है.

पार्टी ने आयोग से झारखंड को पिछले 25 वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से दिए गए अनुदान और सहायता का वर्षवार ब्यौरा जारी करने की मांग की. भाजपा ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ लागू करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इससे खर्च में होने वाली बचत से झारखंड जैसे राज्यों को भी लाभ होगा. भाजपा नेताओं ने मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड को अनिवार्य रूप से जोड़ने का सुझाव दिया.

राज्य में प्रतिवर्ष वज्रपात से औसत रूप से होने वाली 350 मौतों का जिक्र करते हुए पार्टी ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपए की सहायता का प्रावधान करने की मांग की.

आजसू पार्टी की ओर से वरिष्ठ नेता देवशरण भगत और प्रवीण प्रभाकर ने आयोग से कहा कि झारखंड राज्य लंबे संघर्ष के बाद बना है. इस राज्य पर केंद्र की विशेष दृष्टि होनी चाहिए. आजसू नेताओं ने वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि विकास की रफ्तार पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई है.

उन्होंने सरकार पर राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित होकर विकास विरोधी काम करने का आरोप लगाया. पार्टी ने राज्य में वित्तीय अनियमितता, कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिली राशि के खर्च का ब्यौरा भी राज्य सरकार देने में असमर्थ है.

एसएनसी/एबीएम

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