दोस्तो सरसों का तेल हमारी रसोई का अहम हिस्सा हैं जिसका इस्तेमाल कई व्यंजनों में किया जाता हैं, जो उनका स्वाद बढाता हैं, इसके अलावा ये स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता हैं, नाक में सरसों के तेल की दो या तीन बूँदें डालना एक पारंपरिक तरीका है जो श्वसन और साइनस संबंधी कई समस्याओं को कम करने के लिए जाना जाता है। आइए जानते हैं सरसों का तेल नाक में डालने से मिलने वाले फायदों के बारे में-

सर्दी-ज़ुकाम से राहत
सरसों का तेल श्वसन तंत्र में बलगम के जमाव और सूजन को कम करने में मदद करता है, जिससे सामान्य सर्दी-ज़ुकाम, खांसी और फ्लू के लक्षणों से जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।
सिरदर्द और माइग्रेन से राहत
साइनस और नाक के मार्ग को साफ़ करके, सरसों का तेल उस दबाव को कम करने में मदद कर सकता है जो अक्सर सिरदर्द और माइग्रेन का कारण बनता है।
नाक के मार्ग को साफ़ और नमीयुक्त बनाता है
शुष्क मौसम नाक में सूखापन और बेचैनी पैदा कर सकता है। सरसों का तेल नाक के अंदरूनी हिस्से को नमीयुक्त बनाता है, सूखापन रोकता है और संक्रमण के जोखिम को कम करता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
अपने प्राकृतिक जीवाणुरोधी और विषाणुरोधी गुणों के कारण, सरसों का तेल नाक में लगाने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करता है।
एलर्जी और धूल से सुरक्षा
नाक मार्ग में सरसों के तेल से बनी एक सुरक्षात्मक परत श्वसन तंत्र को धूल, परागकणों और एलर्जी से बचाती है, जिससे एलर्जी कम होती है।
गले और फेफड़ों की सुरक्षा
नाक शरीर में हवा के प्रवेश का द्वार है, इसलिए सरसों के तेल से इसके स्वास्थ्य को बनाए रखने से गले और फेफड़ों को संक्रमण और जलन से बचाने में मदद मिल सकती है।
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