जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में शनिवार को एक महत्वपूर्ण चिकित्सकीय उपलब्धि दर्ज की गई। यहां पहली बार रोबोट की मदद से किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। इस सर्जरी में 71 वर्षीय मां ने अपने 38 वर्षीय बेटे को किडनी दान की, जिससे बेटे की जान बचाई जा सकी।
रोबोट की मदद से हुआ किडनी प्रत्यारोपण
अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, यह उत्तर भारत के किसी भी सरकारी अस्पताल में पहली बार रोबोट की सहायता से किडनी प्रत्यारोपण माना जा रहा है। इस सर्जरी में नयी दिल्ली से मार्गदर्शन के लिए आए डॉ. अनंत कुमार ने देखरेख की।
लेप्रोस्कोपिक तकनीक का इस्तेमाल
डॉ. प्रियदर्शी ने बताया कि दाता की किडनी निकालने के लिए लेप्रोस्कोपिक यानी कीहोल तकनीक का उपयोग किया गया। वहीं प्राप्तकर्ता में किडनी प्रत्यारोपण ‘रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम' के माध्यम से किया गया।
छोटे चीरे और कम दर्द
रोबोटिक सर्जरी की खासियत यह है कि इसमें चीरा बहुत छोटा लगाया जाता है, जिससे ऑपरेशन के बाद मरीज को कम दर्द और तेजी से ठीक होने का मौका मिलता है। डॉ. प्रियदर्शी ने कहा, ‘‘रोबोट द्वारा संचालित सर्जरी में न केवल दर्द कम होता है, बल्कि ऑपरेशन के बाद की जटिलताएं भी न्यूनतम रहती हैं। इससे मरीज जल्दी स्वस्थ होकर सामान्य जीवन में लौट सकता है।’’
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