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भारत को जल्द मिल सकती है खुशखबरी! जर्मनी की हालत खस्ता, 35% कंपनिया छंटनी की तैयारी में

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नई दिल्ली: नीति आयोग का कहना है कि भारत अगले तीन साल में जापान और जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन सकता है। भारत अभी अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद दुनिया की पांचवीं बड़ी इकॉनमी है। लेकिन भारत जल्दी ही इस मुकाम पर पहुंच सकता है। इसकी वजह यह है कि जापान और जर्मनी की इकॉनमी अभी संघर्ष कर रही हैं जबकि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही इकॉनमी है। बैंक ऑफ जापान ने चेतावनी दी है कि अमेरिका में टैरिफ पर अनिश्चितता से देश की इकॉनमी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। जापान की जीडीपी में एक्सपोर्ट का बहुत बड़ा योगदान है। अमेरिका को एक्सपोर्ट होने वाली अधिकांश गाड़ियां जापान में ही बनती हैं।इसी तरह जर्मनी की इकॉनमी भी संघर्ष कर रही है। एक सर्वे के मुताबिक यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी में 35 फीसदी कंपनियों ने इस साल छंटनी को योजना बनाई है। जर्मनी की इकॉनमी भी काफी हद तक एक्सपोर्ट पर निर्भर है लेकिन अब वहां की सरकार देश में खपत बढ़ाने पर जोर दे रही है। देश में 2023 से ही घरेलू खपत ठहरी हुई है। 2025 में जर्मनी की इकॉनमी के 0.3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है जबकि जापान की इकॉनमी के 1.1 से 1.3 फीसदी बढ़ सकती है। दूसरी ओर भारत की इकॉनमी के 6.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है। अभी कितनी है दूरीआईएमएफ के ताजा अनुमानों के अनुसार भारत की रियल जीडीपी 4.3 ट्रिलियन डॉलर की है जो जापान (4.4 ट्रिलियन डॉलर) और जर्मनी (4.9 ट्रिलियन डॉलर) से कुछ ही कम है। नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम का कहना है कि विकसित भारत का सपना पूरा होने के साथ ही देश 2047 में 30 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में पहचाना जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत अगले वर्ष के अंत तक पांचवीं से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और इसके बाद देश अपने विकास की गति को तेज करते हुए तीसरा और दूसरा स्थान भी पा लेगा।
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