अगली ख़बर
Newszop

डेढ़ साल में कनाडा से डिपोर्ट हुए लगभग 4 हजार भारतीय, जानें देश से क्यों निकाले गए स्टूडेंट-वर्कर

Send Push
Indians Deportation in Canada : कनाडा में इन दिनों भारतीयों को डिपोर्ट किया जा रहा है, जिसकी वजह से यहां काम करने वाले विदेशी वर्कर्स और स्टूडेंट्स के बीच टेंशन फैल गई है। उन्हें करियर के अवसर, वर्क वीजा और पढ़ाई की संभावना को लेकर चिंता हो रही है। कनाडाई बॉर्डर सर्विस एजेंसी ( CBSA) के डाटा के मुताबिक, 2024 में 1,997 के करीब भारतीयों को जबरदस्ती देश से निकाला गया है। जुलाई 2025 तक ही 1,891 भारतीयों को डिपोर्ट कर दिया गया है। ये नंबर बढ़ने भी वाला है।
Video

इस तरह कनाडा से पिछले डेढ़ साल में लगभग 4000 भारतीयों को बाहर निकाला गया है। ज्यादातर डिपोर्टेशन उन लोगों का हुआ है, जो वर्क परमिट, स्किल एंप्लॉयमेंट वीजा और स्टूडेंट प्रोग्राम पर कनाडा में गए थे। इस कार्रवाई ने कनाडा में पढ़ाई या नौकरी करने की योजना बना रहे छात्रों और प्रोफेशनल्स के बीच टेंशन पैदा की है। हालांकि, अब यहां सवाल उठता है कि कनाडा में भारतीयों के खिलाफ कार्रवाई क्यों हो रही है? आइए इसकी वजह जानते हैं।

भारतीयों पर क्यों हो रही कार्रवाई?
दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सरकार ने इमिग्रेशन सुधार किए हैं, जिसकी वजह से डिपोर्टेशन बढ़ गया है। इस सुधार के बाद उन लोगों को बाहर किया जा रहा है, जो आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं या फिर उनके शरण के आवेदन पेंडिंग पड़े हुए हैं। स्थानीय पुलिस और अधिकारी इमिग्रेशन अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि उन लोगों के नाम तैयार हो सकें, जिन्हें देश से बाहर निकालना है।

CBSA के डाटा के मुताबिक, जुलाई 2025 तक 6800 से ज्यादा भारतीय ऐसे हैं, जिन्हें कनाडा से बाहर निकालने का काम पेंडिंग बड़ा हुआ है। कनाडा से डिपोर्टेशन का सामना करने वाला ये सबसे बड़ा ग्रुप है। कनाडा में पढ़ने जाने वाले कुछ ऐसे भी भारतीय छात्र हैं, जो कोर्स खत्म होने के बाद पहले यहां पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा पर काम करते हैं। मगर जब वह एक्सपायर हो जाता है और उन्हें दूसरा कोई वर्क वीजा नहीं मिलता है, तो वे अवैध रूप से देश में रहने लगते हैं।

ये काम यहां जॉब करने गए भारतीय वर्कर्स भी करते हैं, जब उनका भी वर्क परमिट एक्सपायर हो जाता है। इनमें से ज्यादातर लोग शरण के लिए आवेदन कर देते हैं। कनाडा उन देशों में से है, जो शरणार्थियों को देश में बसाता है। इसका फायदा उठाकर ये खुद को शोषित बताते हुए शरण के लिए आवेदन कर देते हैं। मगर जब जांच में ऐसा कुछ नहीं पाया जाता है, तो फिर इन्हें सरकार तुरंत डिपोर्ट कर देती है। कुछ ऐसे भी स्टूडेंट-वर्कर हैं, जो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं, जिस वजह से उन्हें डिपोर्ट किया गया है।
न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें