पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक के नाम से शुक्रवार को एक फर्जी आदेश पत्र वायरल किया गया, जिसमें हड़ताल से लौटे 3295 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने की बात कही गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से फैले इस पत्र पर निदेशक जे. प्रियदर्शिनी के हस्ताक्षर भी दर्शाए गए हैं।
फर्जी पत्र वायरल
विभाग ने इस तथाकथित आदेश को पूरी तरह फर्जी करार देते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। समयावधि में हड़ताल से लौटे सभी विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी कार्यरत हैं और राजस्व महा–अभियान जैसे जन हितैषी कार्य में लग गए हैं। हड़ताल से लौटे संविदा कर्मियों और आमजन को गुमराह करने की मंशा से मनगढ़ंत पत्र तैयार कर वायरल किया गया है।
Video
गलत तरीके से वायरल
गुरुवार को विभाग के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सूचना से छेड़छाड़ कर गलत तथ्य उसमें भी जोड़ा गया और उसे प्रसारित किया गया। विभाग ने इसे गंभीर मामला मानते हुए आमजन से अपील की है कि वे केवल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की साइट एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सही जानकारी प्राप्त करें। साथ ही विभाग ने चेतावनी दी है कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर अफवाह फैलाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ध्यान रहे कि इस कांड को अंजाम देने वाले लोगों की पहचान कर विभाग उन पर सख्त कार्रवाई करेगा। इस तरह से फर्जी पत्र को वायरल करने वालों के खिलाफ जांच भी की जा रही है।
फर्जी पत्र वायरल
विभाग ने इस तथाकथित आदेश को पूरी तरह फर्जी करार देते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। समयावधि में हड़ताल से लौटे सभी विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी कार्यरत हैं और राजस्व महा–अभियान जैसे जन हितैषी कार्य में लग गए हैं। हड़ताल से लौटे संविदा कर्मियों और आमजन को गुमराह करने की मंशा से मनगढ़ंत पत्र तैयार कर वायरल किया गया है।
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गलत तरीके से वायरल
गुरुवार को विभाग के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सूचना से छेड़छाड़ कर गलत तथ्य उसमें भी जोड़ा गया और उसे प्रसारित किया गया। विभाग ने इसे गंभीर मामला मानते हुए आमजन से अपील की है कि वे केवल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की साइट एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सही जानकारी प्राप्त करें। साथ ही विभाग ने चेतावनी दी है कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर अफवाह फैलाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ध्यान रहे कि इस कांड को अंजाम देने वाले लोगों की पहचान कर विभाग उन पर सख्त कार्रवाई करेगा। इस तरह से फर्जी पत्र को वायरल करने वालों के खिलाफ जांच भी की जा रही है।
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