Artificial Rain in Jaipur। जयपुर: राजधानी जयपुर में मंगलवार को रामगढ़ बांध इलाके में ड्रोन से कृत्रिम बारिश कराने का कोशिश की गई, जो फेल रही। बता दें कि आज जमवा रामगढ़ इलाके में इसके चलते चहल पहल रही। यहां लोग कृत्रिम बारिश के प्रयोग को देखने पहुंचे थे, हालांकि यह सफल नहीं हो पाया। एक्सपर्ट्स की मानें तो बादल काफी ऊपर थे और ड्रोन को केवल 400 फीट तक उड़ाने की अनुमति थी। लिहाजा जयपुर में हुआ यह क्लाउड सीडिग सफल नहीं हुआ। प्रदेश सरकार के साथ मिलकर इस प्रोजेक्टपर काम कर रही कंपनी के डायरेक्टर अजिंक्या धूमबाड़े का कहना है कि अब 400 फीट ऊंचाई से ज्यादा ड्रोन उड़ाने की अनुमति मिलने के बाद दोबारा प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कृत्रिम बारिश ना हो पाने की एक वजह, भीड़ को भी बताया। उनका कहना था कि भीड़ के कारण जीपीएस सिग्नल में बाधा आई, जिससे ड्रोन की उड़ान प्रभावित हुई। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कृषि मंत्री डॉ। किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि अगले 30 दिनों में इस तकनीक से रामगढ़ बांध में कृत्रिम वर्षा कराई जाएगी। इसे लेकर मंत्री किरोड़ी ने अपने X अकाउंट पर जानकारी दी है।
जानें क्यों नहीं हुई कृत्रिम बारिश
बता दें कि आज राजधानी जयपुर में हुई क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया में पहली बार में जब ड्रोन के पंखे चलाए गए, तो वह जमीन पर ही रुक गया। दूसरी बार में ड्रोन कुछ ऊंचाई पर उड़ने के बाद बांध के नीचे झाड़ियों में फंस गया। वहां मौजूद लोग ड्रोन का वीडियो बनाने लगे, जिसके कारण पुलिस और भीड़ में झड़प भी हुई। हालांकि बाद में मामला शांत कराया गया। तकनीकी समस्याओं के साथ दूसरे दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लिहाजा यह ट्रॉयल सक्सेस नहीं हो पाया। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह सिर्फ एक डेमो था और बादल भी काफी ऊपर थे, इसलिए बारिश नहीं हुई। जल्द ही खामियों को दूर कर यहां कृत्रिम बारिश करवाई जाएगी।
कई दिनों से वैज्ञानिकों की टीम कर रही है मॉनिटरिंग
उल्लेखनीय है कि अमेरिका और बेंगलुरु की कंपनी जेन एक्स एआई कृषि विभाग के साथ मिलकर यह प्रयोग कर रही है। इस प्रयोग के लिए केंद्र और राज्य सरकार के सभी विभागों से परमिशन मिल चुकी है। कृषि विभाग, मौसम विभाग और जिला प्रशासन ने जुलाई में ही मंजूरी दे दी थी। वैज्ञानिकों की टीम कई दिनों से जयपुर में है और वे लगातार ड्रोन से कृत्रिम बारिश का परीक्षण कर रहे हैं। बता दें कि अभी तक देश में प्लेन से क्लाउड सीडिंग की जाती रही है। ड्रोन से छोटे इलाके में यह पहला प्रयोग है। क्लाउड सीडिंग का मतलब है बादलों में कुछ रसायन डालकर बारिश कराना। यह रसायन बादलों को पानी बरसाने में मदद करते हैं।
कभी जयपुर की प्यास बुझाता था रामगढ़ बांध
आसान शब्दों में कहें तो, जयपुर में ड्रोन से कृत्रिम बारिश कराने की कोशिश की गई। हालांकि अभी वो सफल नहीं हुई है। लेकिन एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें ज्यादा ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने की अनुमति मिल जाएगी और दोबारा होने वाली कोशिश में सफल होंगे। यह प्रयोग इसलिए किया जा रहा है ताकि रामगढ़ बांध में पानी भर सके। रामगढ़ बांध कभी जयपुर की प्यास बुझाता था, लेकिन अब यह सूख गया है। सरकार चाहती है कि इस बांध में फिर से पानी भर जाए। ताकि एक बार फिर यह बांध लोगों की लाइफलाइन बन जाए।
जानें क्यों नहीं हुई कृत्रिम बारिश
बता दें कि आज राजधानी जयपुर में हुई क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया में पहली बार में जब ड्रोन के पंखे चलाए गए, तो वह जमीन पर ही रुक गया। दूसरी बार में ड्रोन कुछ ऊंचाई पर उड़ने के बाद बांध के नीचे झाड़ियों में फंस गया। वहां मौजूद लोग ड्रोन का वीडियो बनाने लगे, जिसके कारण पुलिस और भीड़ में झड़प भी हुई। हालांकि बाद में मामला शांत कराया गया। तकनीकी समस्याओं के साथ दूसरे दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लिहाजा यह ट्रॉयल सक्सेस नहीं हो पाया। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह सिर्फ एक डेमो था और बादल भी काफी ऊपर थे, इसलिए बारिश नहीं हुई। जल्द ही खामियों को दूर कर यहां कृत्रिम बारिश करवाई जाएगी।
कई दिनों से वैज्ञानिकों की टीम कर रही है मॉनिटरिंग
उल्लेखनीय है कि अमेरिका और बेंगलुरु की कंपनी जेन एक्स एआई कृषि विभाग के साथ मिलकर यह प्रयोग कर रही है। इस प्रयोग के लिए केंद्र और राज्य सरकार के सभी विभागों से परमिशन मिल चुकी है। कृषि विभाग, मौसम विभाग और जिला प्रशासन ने जुलाई में ही मंजूरी दे दी थी। वैज्ञानिकों की टीम कई दिनों से जयपुर में है और वे लगातार ड्रोन से कृत्रिम बारिश का परीक्षण कर रहे हैं। बता दें कि अभी तक देश में प्लेन से क्लाउड सीडिंग की जाती रही है। ड्रोन से छोटे इलाके में यह पहला प्रयोग है। क्लाउड सीडिंग का मतलब है बादलों में कुछ रसायन डालकर बारिश कराना। यह रसायन बादलों को पानी बरसाने में मदद करते हैं।
कभी जयपुर की प्यास बुझाता था रामगढ़ बांध
आसान शब्दों में कहें तो, जयपुर में ड्रोन से कृत्रिम बारिश कराने की कोशिश की गई। हालांकि अभी वो सफल नहीं हुई है। लेकिन एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें ज्यादा ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने की अनुमति मिल जाएगी और दोबारा होने वाली कोशिश में सफल होंगे। यह प्रयोग इसलिए किया जा रहा है ताकि रामगढ़ बांध में पानी भर सके। रामगढ़ बांध कभी जयपुर की प्यास बुझाता था, लेकिन अब यह सूख गया है। सरकार चाहती है कि इस बांध में फिर से पानी भर जाए। ताकि एक बार फिर यह बांध लोगों की लाइफलाइन बन जाए।
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