ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश में एक 19 वर्षीय युवक की संदिग्ध आत्महत्या के मामले ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। इस मामले में नाम आने के बाद सोमवार को आईएएसअधिकारी तालो पोटम ने ईटानगर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आईएएस अधिकारी पर मृतक युवक के कथित सुसाइड नोट में लगाए गए गंभीर आरोपों के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। तालो पोटम एजीएमयूटी कैडर (AGMUT Cadre) के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। वो वर्तमान में दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात थे। इससे पहले वे जून 2024 तक ईटानगर के उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे।
23 अक्टूबर को हुई थी युवक की मौत
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 19 वर्षीय युवक की मौत 23 अक्टूबर को हुई थी। मृतक के परिवार ने दावा किया कि युवक ने आत्महत्या से पहले कई पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उसने कुछ अधिकारियों पर यौन शोषण, धोखा और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। पुलिस के अनुसार, मृतक ने यह भी लिखा था कि उसे एक गंभीर बीमारी हो गई है, जिससे वह मानसिक तनाव में था। परिवार की शिकायत पर पापुम पारे पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की। पापुम पारे जिले के पुलिस अधीक्षक न्येलम नेगा ने बताया कि पोटम के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता की धारा 271 और 272 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। ये धाराएं ऐसे लापरवाह या घातक कृत्यों से जुड़ी हैं जो जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी के संक्रमण को फैलाने की संभावना रखते हैं।
पुलिस ने जारी किया था लुकआउट सर्कुलर
एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने तालो पोटम के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया था। एसपी ने बताया कि पोटम इन दिनों अपनी बेटी की शादी, जो 28 अक्टूबर को होनी है, की तैयारियों के लिए छुट्टी पर अरुणाचल प्रदेश में थे। सोमवार सुबह उन्होंने ईटानगर में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस 24 अक्टूबर से उनकी तलाश में थी। इसी बीच, आत्मसमर्पण से पहले तालो पोटम ने एक वीडियो बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया। पोटम ने कहा कि उनका मृतक से कोई निजी संबंध नहीं था और युवक केवल एक संविदा कर्मचारी के रूप में काम करता था। पोटम ने यह भी कहा कि उन्होंने मृतक का फोन नंबर ब्लॉक कर दिया था, क्योंकि युवक ने उनके दिल्ली तबादले के बाद उन्हें बार-बार कॉल कर कुछ उगाही से जुड़े मामलों में मदद मांगने की कोशिश की थी।
पोटम को बर्खास्त करने की
घटना के बाद सोमवार को पापुम पारे जिले में तनावपूर्ण स्थिति रही। मृतक युवक के परिवार सहित बड़ी संख्या में लोग अदालत परिसर के बाहर प्रदर्शन करने लगे, जब पोटम को पेश किया गया। संभावित कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। सूत्रों के अनुसार, लोक निर्माण विभाग ने सेवा विभाग को पत्र लिखकर तालो पोटम को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की है।
23 अक्टूबर को हुई थी युवक की मौत
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 19 वर्षीय युवक की मौत 23 अक्टूबर को हुई थी। मृतक के परिवार ने दावा किया कि युवक ने आत्महत्या से पहले कई पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उसने कुछ अधिकारियों पर यौन शोषण, धोखा और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। पुलिस के अनुसार, मृतक ने यह भी लिखा था कि उसे एक गंभीर बीमारी हो गई है, जिससे वह मानसिक तनाव में था। परिवार की शिकायत पर पापुम पारे पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की। पापुम पारे जिले के पुलिस अधीक्षक न्येलम नेगा ने बताया कि पोटम के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता की धारा 271 और 272 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। ये धाराएं ऐसे लापरवाह या घातक कृत्यों से जुड़ी हैं जो जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी के संक्रमण को फैलाने की संभावना रखते हैं।
पुलिस ने जारी किया था लुकआउट सर्कुलर
एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने तालो पोटम के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया था। एसपी ने बताया कि पोटम इन दिनों अपनी बेटी की शादी, जो 28 अक्टूबर को होनी है, की तैयारियों के लिए छुट्टी पर अरुणाचल प्रदेश में थे। सोमवार सुबह उन्होंने ईटानगर में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस 24 अक्टूबर से उनकी तलाश में थी। इसी बीच, आत्मसमर्पण से पहले तालो पोटम ने एक वीडियो बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया। पोटम ने कहा कि उनका मृतक से कोई निजी संबंध नहीं था और युवक केवल एक संविदा कर्मचारी के रूप में काम करता था। पोटम ने यह भी कहा कि उन्होंने मृतक का फोन नंबर ब्लॉक कर दिया था, क्योंकि युवक ने उनके दिल्ली तबादले के बाद उन्हें बार-बार कॉल कर कुछ उगाही से जुड़े मामलों में मदद मांगने की कोशिश की थी।
पोटम को बर्खास्त करने की
घटना के बाद सोमवार को पापुम पारे जिले में तनावपूर्ण स्थिति रही। मृतक युवक के परिवार सहित बड़ी संख्या में लोग अदालत परिसर के बाहर प्रदर्शन करने लगे, जब पोटम को पेश किया गया। संभावित कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। सूत्रों के अनुसार, लोक निर्माण विभाग ने सेवा विभाग को पत्र लिखकर तालो पोटम को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की है।
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