नई दिल्ली: किसी भी काम को करने के लिए उम्र जरूरी नहीं होती। जरूरी है तो हौसला। यह सच कर दिखाया है मिल्की मिस्ट (Milky Mist) के फाउंडर टी सतीश कुमार ने। महज 16 साल की उम्र में उन्होंने स्कूल छोड़कर डूबते हुए पारिवारिक दूध कारोबार को बचाने का जिम्मा उठाया और आज 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का साम्राज्य खड़ा कर दिया। अब उनकी कंपनी स्टॉक मार्केट में कदम रखने जा रही है।
सतीश कुमार की यात्रा1980 के दशक की शुरुआत में शुरू होती है, जब उनके पिता और चाचा एक छोटी पावर लूम यूनिट चला रहे थे। वह बिजनेस ज्यादा समय तक नहीं चला और तीन साल में बंद करना पड़ा। फिर उन्होंने दूध का बिजनेस शुरू किया। वे लोकल वेंडरों से दूध खरीदते थे, उसे ठंडा करते थे और लगभग 3,000 लीटर प्रतिदिन कैन में भरकर बेंगलुरु भेजते थे। वह भी सफल नहीं हुआ। उनके चाचा साल 1990 में गुजर गए और 1992 तक बिजनेस बंद हो गया।
16 साल की उम्र में संभाला कारोबारउस समय सतीश सिर्फ 16 साल के थे। उन्होंने स्कूल छोड़ बिजनेस की दुनिया में कदम रख दिया। उन्होंने देखा था कि बेंगलुरु में उनके दूध के खरीदारों में से एक उनसे ही दूध खरीद कर उससे पनीर बनाता है और होटलों को बेचता था। बस यहीं से सतीश को आइडिया मिल गया। उसने भी ऐसा करने का फैसला किया।
उस समय सिखाने के लिए कोई इंटरनेट नहीं था। इसलिए उन्होंने प्रयोग करके सीखा। उन्होंने दूध उबाला, उसमें सिरका डाला और तब तक प्रोसेस को रिफाइन किया जब तक उन्हें सही स्वाद और टेक्सचर नहीं मिल गया। साल 1993 में वह अपना पहला 10 किलो पनीर एक बैग में भरकर बेंगलुरु ले गए। जल्द ही वह होटलों को प्रतिदिन 50 से 100 किलो पनीर पहुंचाने लगे।
सिर्फ पनीर पर किया फोकससाल 1995 तक उन्होंने लिक्विड दूध की सप्लाई बंद कर दी और पूरी तरह से पनीर पर फोकस किया। साल 1997 में उन्होंने चेन्नई, बेंगलुरु और कोयंबटूर में रिटेल मार्केट में प्रवेश किया। साल 2010 में वे मिल्की मिस्ट ब्रांड लेकर आए और अपना पहला टेलीविजन कमर्शियल लॉन्च किया। उसके बाद से कंपनी तेजी से बढ़ी।
अब कितना है टर्नओवर?साल 2015 में मिल्की मिस्ट में ज्यादातर काम मैन्युअल रूप से किया जाता था। उस समय उनका टर्नओवर लगभग 120 करोड़ रुपये था। आज यह 2300 करोड़ रुपये को पार कर गया है।
आज उनके कैटलॉग में प्रोडक्ट की रेंज चौंका देने वाली है। कंपनी आज आइसक्रीम से लेकर डार्क चॉकलेट, वेफर चॉकलेट, बटर, चीज, दही, फ्रूट योगर्ट, घी, मिल्कशेक और यहां तक कि रेडी-टू-कुक प्रोडक्ट जैसे पिज्जा और डेसर्ट तक बनाती है।
आईपीओ की तैयारीमिल्की मिस्ट आईपीओ के लिए तैयार है। एक ऐसा कदम जो इस होम-ग्रोन डेयरी ब्रांड को पूरी तरह से एक नई लीग में ले जाएगा। कंपनी 2,035 करोड़ रुपये के आईपीओ के साथ दलाल स्ट्रीट पर उतर रही है। इसमें 1,785 करोड़ रुपये का नया इश्यू और 250 करोड़ रुपये के प्रमोटर्स द्वारा ओएफएस शेयर जारी किए जाएंगे।
इससे कंपनी अपने 750 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करेगी। साथ ही 414.7 करोड़ रुपये से दही, क्रीम, चीज और मट्ठा के लिए प्लांट की क्षमता का विस्तार होगा। इसके अलावा कंपनी 129.4 करोड़ रुपये कोल्ड-चेन गियर में इस्तेमाल करेगी।
सतीश कुमार की यात्रा1980 के दशक की शुरुआत में शुरू होती है, जब उनके पिता और चाचा एक छोटी पावर लूम यूनिट चला रहे थे। वह बिजनेस ज्यादा समय तक नहीं चला और तीन साल में बंद करना पड़ा। फिर उन्होंने दूध का बिजनेस शुरू किया। वे लोकल वेंडरों से दूध खरीदते थे, उसे ठंडा करते थे और लगभग 3,000 लीटर प्रतिदिन कैन में भरकर बेंगलुरु भेजते थे। वह भी सफल नहीं हुआ। उनके चाचा साल 1990 में गुजर गए और 1992 तक बिजनेस बंद हो गया।
16 साल की उम्र में संभाला कारोबारउस समय सतीश सिर्फ 16 साल के थे। उन्होंने स्कूल छोड़ बिजनेस की दुनिया में कदम रख दिया। उन्होंने देखा था कि बेंगलुरु में उनके दूध के खरीदारों में से एक उनसे ही दूध खरीद कर उससे पनीर बनाता है और होटलों को बेचता था। बस यहीं से सतीश को आइडिया मिल गया। उसने भी ऐसा करने का फैसला किया।
उस समय सिखाने के लिए कोई इंटरनेट नहीं था। इसलिए उन्होंने प्रयोग करके सीखा। उन्होंने दूध उबाला, उसमें सिरका डाला और तब तक प्रोसेस को रिफाइन किया जब तक उन्हें सही स्वाद और टेक्सचर नहीं मिल गया। साल 1993 में वह अपना पहला 10 किलो पनीर एक बैग में भरकर बेंगलुरु ले गए। जल्द ही वह होटलों को प्रतिदिन 50 से 100 किलो पनीर पहुंचाने लगे।
सिर्फ पनीर पर किया फोकससाल 1995 तक उन्होंने लिक्विड दूध की सप्लाई बंद कर दी और पूरी तरह से पनीर पर फोकस किया। साल 1997 में उन्होंने चेन्नई, बेंगलुरु और कोयंबटूर में रिटेल मार्केट में प्रवेश किया। साल 2010 में वे मिल्की मिस्ट ब्रांड लेकर आए और अपना पहला टेलीविजन कमर्शियल लॉन्च किया। उसके बाद से कंपनी तेजी से बढ़ी।
अब कितना है टर्नओवर?साल 2015 में मिल्की मिस्ट में ज्यादातर काम मैन्युअल रूप से किया जाता था। उस समय उनका टर्नओवर लगभग 120 करोड़ रुपये था। आज यह 2300 करोड़ रुपये को पार कर गया है।
आज उनके कैटलॉग में प्रोडक्ट की रेंज चौंका देने वाली है। कंपनी आज आइसक्रीम से लेकर डार्क चॉकलेट, वेफर चॉकलेट, बटर, चीज, दही, फ्रूट योगर्ट, घी, मिल्कशेक और यहां तक कि रेडी-टू-कुक प्रोडक्ट जैसे पिज्जा और डेसर्ट तक बनाती है।
आईपीओ की तैयारीमिल्की मिस्ट आईपीओ के लिए तैयार है। एक ऐसा कदम जो इस होम-ग्रोन डेयरी ब्रांड को पूरी तरह से एक नई लीग में ले जाएगा। कंपनी 2,035 करोड़ रुपये के आईपीओ के साथ दलाल स्ट्रीट पर उतर रही है। इसमें 1,785 करोड़ रुपये का नया इश्यू और 250 करोड़ रुपये के प्रमोटर्स द्वारा ओएफएस शेयर जारी किए जाएंगे।
इससे कंपनी अपने 750 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करेगी। साथ ही 414.7 करोड़ रुपये से दही, क्रीम, चीज और मट्ठा के लिए प्लांट की क्षमता का विस्तार होगा। इसके अलावा कंपनी 129.4 करोड़ रुपये कोल्ड-चेन गियर में इस्तेमाल करेगी।
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