अहमदाबाद: संसद के मानसूत्र खत्म होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन से पहले गुजरात के दौरे पर हैं। वे अपने दौरे में 5,477 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लाेकार्पण करेंगे लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को राजनैतिक चश्मे से अधिक देखा जा रहा है। ऐसे में चर्चा है कि क्या गुजरात में बाबा बेंगा की तरह अपना दबदबा रखने वाले अगाहीकार (भविष्यवक्ता) अंबालाल पटेल की भविष्यवाणी सही साबित होगी। अंबालाल पटेल ने इस साल की शुरुआत में 16 जनवरी को बड़े राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना व्यक्त की थी। अंबालाल पटेल की राजनैतिक भविष्यवणी के बाद गुजरात के विधानसभा उपचुनावों में बीजेपी की हार हुई। इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया।
PM मोदी के दौरे पर टिकी है नजरें
अंबालाल पटेल की मौसम संबंधी भविष्यवाणियां ज्यादातर सही होती हैं। लेकिन अब देखना यह है कि उनकी राजनीतिक भविष्यवाणी कितनी सटीक बैठती हैं। अंबालाल पटेल ने कहा था कि यूं तो केंद्र से लेकर गुजरात तक सरकार मजबूत है लेकिन राजकीय उथल-पुथल की संभावना उन्होंने जताई थी। मानसून के मौसम में जब आसमान में बादल छाए हैं और तापमान कम है तब सभी की नजरें पीएम मोदी के दौरे पर लगी हैं। चर्चा है कि पीएम मोदी के दौरे के बाद गुजरात में बड़े बदलाव हो सकते हैं। इसकी पीछे कई राजनीतिक कारण गिनाए जा रहे हैं। उत्तर गुजरात में कांग्रेस की सक्रियता और आदिवादी बेल्ट में आप विधायक चैतर वसावा की लोकप्रियता बीजेपी के लिए चुनौती बन रही है। ऐसे में देखना है कि पीएम मोदी के दौरे के बाद गुजरात में क्या तस्वीर सामने आती है। 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद जब सीएम भूपेंद्र पटेल दोबारा सीएम बने थे। तब से मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
गुजरात में ये परिवर्तन की अटकलें?
गुजरात विधानसभा उपचुनाव में आप की विसावदर सीट पर जीत से केजरीवाल की पार्टी को संजीवनी मिली है। इतना ही नहीं गोपाल इटालिया की लोकप्रियता सिर चढ़कर बोल रही है। हाल के एक कार्यक्रम में इसकी उदाहरण देखने को मिला था। युवाओं में खेल मंत्री मनसुख मांडविया से ज्यादा जोश गोपाल इटालिया के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर देखा गया था। इतना ही नहीं गुजरात में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह अटका हुआ है। चर्चा है कि सरकार और संगठन में बड़ी सर्जरी हो सकती है। सौराष्ट्र के पटेलों में आप की बढ़ती पैठ को रोकने के बीजेपी कुछ कड़े और बड़े कदम भी उठा सकती है। गुजरात में अभी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सीआर पाटिल संभाल रहे हैं। वह केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं।
ताे फिर सही साबित होगी भविष्यवाणी
अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर अंबालाल पटेल की भविष्यवाणी सही साबित होगी। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अगले महीने की 13 तारीख को बतौर सीएम चार वर्ष पूरे करेंगे। सितंबर के अगले विधानसभा चुनावों में दो साल का वक्त रह जाएगा। राज्य में जल्द ही निगम चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी एक साथ कई बड़े फैसले ले सकती है। चर्चा यह भी है कि मंत्रिमंडल से काफी मंत्रियों की छुट्टी हाे सकती है। पीएम मोदी दौरे के बाद सरकार संगठन में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, क्योंकि राज्य में लोग गुजरात की मौजूदा सरकार की तुलना उनके कार्यकाल से लगातार कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में लोगों की शिकायतें बढ़ी हैं। बड़े शहरों में निगमों में व्याप करप्शन और बीजेपी की गुटबाजी बड़ी चुनौती बनी है।
PM मोदी के दौरे पर टिकी है नजरें
अंबालाल पटेल की मौसम संबंधी भविष्यवाणियां ज्यादातर सही होती हैं। लेकिन अब देखना यह है कि उनकी राजनीतिक भविष्यवाणी कितनी सटीक बैठती हैं। अंबालाल पटेल ने कहा था कि यूं तो केंद्र से लेकर गुजरात तक सरकार मजबूत है लेकिन राजकीय उथल-पुथल की संभावना उन्होंने जताई थी। मानसून के मौसम में जब आसमान में बादल छाए हैं और तापमान कम है तब सभी की नजरें पीएम मोदी के दौरे पर लगी हैं। चर्चा है कि पीएम मोदी के दौरे के बाद गुजरात में बड़े बदलाव हो सकते हैं। इसकी पीछे कई राजनीतिक कारण गिनाए जा रहे हैं। उत्तर गुजरात में कांग्रेस की सक्रियता और आदिवादी बेल्ट में आप विधायक चैतर वसावा की लोकप्रियता बीजेपी के लिए चुनौती बन रही है। ऐसे में देखना है कि पीएम मोदी के दौरे के बाद गुजरात में क्या तस्वीर सामने आती है। 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद जब सीएम भूपेंद्र पटेल दोबारा सीएम बने थे। तब से मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
गुजरात में ये परिवर्तन की अटकलें?
गुजरात विधानसभा उपचुनाव में आप की विसावदर सीट पर जीत से केजरीवाल की पार्टी को संजीवनी मिली है। इतना ही नहीं गोपाल इटालिया की लोकप्रियता सिर चढ़कर बोल रही है। हाल के एक कार्यक्रम में इसकी उदाहरण देखने को मिला था। युवाओं में खेल मंत्री मनसुख मांडविया से ज्यादा जोश गोपाल इटालिया के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर देखा गया था। इतना ही नहीं गुजरात में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह अटका हुआ है। चर्चा है कि सरकार और संगठन में बड़ी सर्जरी हो सकती है। सौराष्ट्र के पटेलों में आप की बढ़ती पैठ को रोकने के बीजेपी कुछ कड़े और बड़े कदम भी उठा सकती है। गुजरात में अभी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सीआर पाटिल संभाल रहे हैं। वह केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं।
ताे फिर सही साबित होगी भविष्यवाणी
अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर अंबालाल पटेल की भविष्यवाणी सही साबित होगी। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अगले महीने की 13 तारीख को बतौर सीएम चार वर्ष पूरे करेंगे। सितंबर के अगले विधानसभा चुनावों में दो साल का वक्त रह जाएगा। राज्य में जल्द ही निगम चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी एक साथ कई बड़े फैसले ले सकती है। चर्चा यह भी है कि मंत्रिमंडल से काफी मंत्रियों की छुट्टी हाे सकती है। पीएम मोदी दौरे के बाद सरकार संगठन में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, क्योंकि राज्य में लोग गुजरात की मौजूदा सरकार की तुलना उनके कार्यकाल से लगातार कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में लोगों की शिकायतें बढ़ी हैं। बड़े शहरों में निगमों में व्याप करप्शन और बीजेपी की गुटबाजी बड़ी चुनौती बनी है।
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