मनीष सिंह, नोएडा: पद्मश्री से सम्मानित हिंदी साहित्य के वरिष्ठ नाटककार दया प्रकाश सिन्हा का शुक्रवार को नोएडा सेक्टर-26 में उनके घर पर निधन हो गया। 91 वर्षीय सिन्हा को उनके नाटक 'सम्राट अशोक' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 के लिए चुना गया था। उनकी मौत की खबर से साहित्य और रंगमंच के क्षेत्र में गहरा दुख व्याप्त हो गया है। बताया गया कि उनकी तबीयत पिछले दो महीनों से ठीक नहीं थी। परिवार में उनकी दो बेटियां हैं, जिनमें से एक अमेरिका में रहती है।
शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वरिष्ठ लेखक दया प्रकाश सिन्हा हमेशा लेखन और अध्ययन में लगे रहते थे। हाल ही में वे कवि रहीम दास के जीवन पर एक लेख तैयार कर रहे थे। सिन्हा का जन्म 1935 में उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुआ था। वे एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी थे, जिन्होंने हिंदी साहित्य, रंगमंच और नाट्य निर्देशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उन्होंने उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी के अध्यक्ष पद संभाले और फिजी में भारत के पहले सांस्कृतिक सचिव के रूप में भी कार्य किया। कला और साहित्य के क्षेत्र में उनके कार्यों को सम्मानित करते हुए उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, लोहिया सम्मान और हिंदी अकादमी का साहित्यकार सम्मान दिया गया था। 1993 में भारत भवन, भोपाल के निदेशक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे साहित्य रचना में सक्रिय बने रहे।
शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वरिष्ठ लेखक दया प्रकाश सिन्हा हमेशा लेखन और अध्ययन में लगे रहते थे। हाल ही में वे कवि रहीम दास के जीवन पर एक लेख तैयार कर रहे थे। सिन्हा का जन्म 1935 में उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुआ था। वे एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी थे, जिन्होंने हिंदी साहित्य, रंगमंच और नाट्य निर्देशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उन्होंने उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी के अध्यक्ष पद संभाले और फिजी में भारत के पहले सांस्कृतिक सचिव के रूप में भी कार्य किया। कला और साहित्य के क्षेत्र में उनके कार्यों को सम्मानित करते हुए उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, लोहिया सम्मान और हिंदी अकादमी का साहित्यकार सम्मान दिया गया था। 1993 में भारत भवन, भोपाल के निदेशक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे साहित्य रचना में सक्रिय बने रहे।
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