नई दिल्ली: जब आंखों में बड़े सपने हों तो छोटी-छोटी चीजों के पीछे नहीं भागते। ऐसा ही कुछ किया उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की रहने वाली अनुष्का जायसवाल है। साल 2017 में दिल्ली के हिंदू कॉलेज में प्लेसमेंट का दौर चल रहा था। उनसे उम्मीद की जा रही थी कि वह अच्छी नौकरी पा लेंगी, लेकिन उन्होंने एक भी ऑफर स्वीकार नहीं किया।
29 साल की अनुष्का का लक्ष्य साफ था कि वह जमीनी स्तर पर कुछ बड़ा करना चाहती थीं। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से फ्रेंच की पढ़ाई की थी, लेकिन उन्हें उसमें संतुष्टि नहीं मिली और वह अपने मकसद की तलाश में घर लौट आईं। उनकी जिंदगी में अहम पल तब आया जब उन्होंने अपनी छत पर टमाटर समेत कुछ पौधे उगाए। इस काम में उन्हें मजा आने लगा और उन्होंने खेती को एक करियर के तौर पर देखना शुरू कर दिया। आज वह सालाना करीब एक करोड़ रुपये कमा रही हैं।
भाई से मिली मददएक शाम चाय पीते हुए उन्होंने अपनी रुचि के बारे में अपने भाई को बताया। भाई ने उन्हें इस रास्ते पर चलने के लिए जरूरी हौसला दिया। भाई के प्रोत्साहन से उन्होंने नोएडा के इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी में बागवानी (हॉर्टिकल्चर) का कोर्स किया। खेती से जुड़े कुछ और कोर्स करने के बाद संरक्षित खेती (protected farming) में उनकी दिलचस्पी और बढ़ गई।
काफी रिसर्च करने और जरूरी कोर्स पूरे करने के बाद उन्होंने साल 2020 में एक एकड़ जमीन पर पॉलीहाउस फार्म शुरू किया। पिछले 5 सालों में उन्होंने लखनऊ और आसपास के इलाकों में अपनी खास सब्जियों, खासकर अलग-अलग तरह की शिमला मिर्च के लिए नाम कमाया है।
इंग्लिश खीरों के साथ शुरुआतसिर्फ 24 साल की उम्र में अर्थशास्त्र की ग्रेजुएट अनुष्का ने अपनी खेती की शुरुआत इंग्लिश खीरों से की। अपनी पहली फसल में उन्होंने 51 टन की शानदार पैदावार हासिल की। वह दावा करती हैं कि यह पारंपरिक किसानों को मिलने वाली पैदावार से लगभग तीन गुना ज्यादा है।
अपनी शुरुआती सफलता से उत्साहित होकर, उन्होंने लाल और पीली शिमला मिर्च भी उगाई, जो खूब फलीं-फूलीं। एक एकड़ जमीन पर उन्होंने 35 टन शिमला मिर्च पैदा की, जिसे उन्होंने औसतन 80 से 100 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचा। आज वह हर साल 200 टन से ज्यादा शिमला मिर्च का उत्पादन करती हैं।
क्विक कॉमर्स से लेकर मॉल तकआज अनुष्का 6 एकड़ से ज्यादा जमीन पर सब्जियां उगाती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2023-24 में उन्होंने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर हासिल किया है। उनकी सब्जियां Blinkit और Big Basket जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ-साथ Lulu Hypermarket जैसे स्टोर पर बिकती है। उनकी सब्जियां दिल्ली और वाराणसी की मंडियों में भी जाती हैं। वह 25-30 मजदूरों को रोजगार भी देती हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं।
29 साल की अनुष्का का लक्ष्य साफ था कि वह जमीनी स्तर पर कुछ बड़ा करना चाहती थीं। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से फ्रेंच की पढ़ाई की थी, लेकिन उन्हें उसमें संतुष्टि नहीं मिली और वह अपने मकसद की तलाश में घर लौट आईं। उनकी जिंदगी में अहम पल तब आया जब उन्होंने अपनी छत पर टमाटर समेत कुछ पौधे उगाए। इस काम में उन्हें मजा आने लगा और उन्होंने खेती को एक करियर के तौर पर देखना शुरू कर दिया। आज वह सालाना करीब एक करोड़ रुपये कमा रही हैं।
भाई से मिली मददएक शाम चाय पीते हुए उन्होंने अपनी रुचि के बारे में अपने भाई को बताया। भाई ने उन्हें इस रास्ते पर चलने के लिए जरूरी हौसला दिया। भाई के प्रोत्साहन से उन्होंने नोएडा के इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी में बागवानी (हॉर्टिकल्चर) का कोर्स किया। खेती से जुड़े कुछ और कोर्स करने के बाद संरक्षित खेती (protected farming) में उनकी दिलचस्पी और बढ़ गई।
काफी रिसर्च करने और जरूरी कोर्स पूरे करने के बाद उन्होंने साल 2020 में एक एकड़ जमीन पर पॉलीहाउस फार्म शुरू किया। पिछले 5 सालों में उन्होंने लखनऊ और आसपास के इलाकों में अपनी खास सब्जियों, खासकर अलग-अलग तरह की शिमला मिर्च के लिए नाम कमाया है।
इंग्लिश खीरों के साथ शुरुआतसिर्फ 24 साल की उम्र में अर्थशास्त्र की ग्रेजुएट अनुष्का ने अपनी खेती की शुरुआत इंग्लिश खीरों से की। अपनी पहली फसल में उन्होंने 51 टन की शानदार पैदावार हासिल की। वह दावा करती हैं कि यह पारंपरिक किसानों को मिलने वाली पैदावार से लगभग तीन गुना ज्यादा है।
अपनी शुरुआती सफलता से उत्साहित होकर, उन्होंने लाल और पीली शिमला मिर्च भी उगाई, जो खूब फलीं-फूलीं। एक एकड़ जमीन पर उन्होंने 35 टन शिमला मिर्च पैदा की, जिसे उन्होंने औसतन 80 से 100 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचा। आज वह हर साल 200 टन से ज्यादा शिमला मिर्च का उत्पादन करती हैं।
क्विक कॉमर्स से लेकर मॉल तकआज अनुष्का 6 एकड़ से ज्यादा जमीन पर सब्जियां उगाती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2023-24 में उन्होंने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर हासिल किया है। उनकी सब्जियां Blinkit और Big Basket जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ-साथ Lulu Hypermarket जैसे स्टोर पर बिकती है। उनकी सब्जियां दिल्ली और वाराणसी की मंडियों में भी जाती हैं। वह 25-30 मजदूरों को रोजगार भी देती हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं।
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