नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ इंडिया की डीप स्ट्राइक इनसाइड पाकिस्तान पुस्तक का आज नई दिल्ली में विमोचन किया। यह पुस्तक लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने लिखी है। सेना प्रमुख ने कहा कि यह पुस्तक केवल एक सैन्य अभियान की गाथा नहीं है, बल्कि भारतीय सेना और राष्ट्र के साहस की कहानी है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना एक लयबद्ध लहर की तरह चली थी। जनरल द्विवेदी ने कहा कि यह पुस्तक शिक्षाविदों और अनुसंधान विद्वानों के लिए एक संदर्भ सामग्री हो सकती है।
लेखक केजेएस ढिल्लों ने बताया- किताब में क्या है खास?
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा कि यह पुस्तक स्वतंत्रता के बाद की हर बात, पुलवामा और पहलगाम की तैयारी, पुलवामा और पहलगाम के बीच का अंतर और पहलगाम क्यों हुआ और फिर ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत को कवर करती है। लक्ष्यों का चयन, खुफिया जानकारी का निर्माण, खुफिया जानकारी की पुष्टि, तीनों सेवाओं, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और सरकारों के सभी विभागों के बीच संचालन का तालमेल शामिल है।
इसके अलावा लक्ष्यों के लिए हथियारों का मिलान, 6 और 7 मई की रात को लक्ष्यों का विनाश और 10 मई को पाकिस्तान की प्रतिक्रियाएं, युद्ध विराम, किसने इसे घोषित किया, कौन जीता और कौन हारा, कथाओं की लड़ाई, नियंत्रण रेखा की लड़ाई, जिसे ऑपरेशन के दौरान मीडिया ने कवर नहीं किया।
कौन हैं रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। जिन्होंने कश्मीर और पूर्वोत्तर में उग्रवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों को लीड किया है। दिसंबर 1983 में कमीशन प्राप्त करने वाले ढिल्लों जनवरी 2022 में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने कश्मीर में 15 कोर के कमांडर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 'ऑपरेशन मां' की शुरुआत की थी, जिसका टारगेट आतंकवाद में शामिल युवाओं की माताओं से अपील कर उन्हें मुख्यधारा में वापस लाना था।
लेखक केजेएस ढिल्लों ने बताया- किताब में क्या है खास?
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा कि यह पुस्तक स्वतंत्रता के बाद की हर बात, पुलवामा और पहलगाम की तैयारी, पुलवामा और पहलगाम के बीच का अंतर और पहलगाम क्यों हुआ और फिर ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत को कवर करती है। लक्ष्यों का चयन, खुफिया जानकारी का निर्माण, खुफिया जानकारी की पुष्टि, तीनों सेवाओं, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और सरकारों के सभी विभागों के बीच संचालन का तालमेल शामिल है।
इसके अलावा लक्ष्यों के लिए हथियारों का मिलान, 6 और 7 मई की रात को लक्ष्यों का विनाश और 10 मई को पाकिस्तान की प्रतिक्रियाएं, युद्ध विराम, किसने इसे घोषित किया, कौन जीता और कौन हारा, कथाओं की लड़ाई, नियंत्रण रेखा की लड़ाई, जिसे ऑपरेशन के दौरान मीडिया ने कवर नहीं किया।

कौन हैं रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। जिन्होंने कश्मीर और पूर्वोत्तर में उग्रवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों को लीड किया है। दिसंबर 1983 में कमीशन प्राप्त करने वाले ढिल्लों जनवरी 2022 में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने कश्मीर में 15 कोर के कमांडर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 'ऑपरेशन मां' की शुरुआत की थी, जिसका टारगेट आतंकवाद में शामिल युवाओं की माताओं से अपील कर उन्हें मुख्यधारा में वापस लाना था।
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