गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के करनैलगंज तहसील में गुरुवार को एसडीएम नेहा मिश्रा और वकीलों के बीच बड़ा विवाद हो गया। वकीलों ने तहसील परिसर में एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया, जिस पर नेहा मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर उन्हें कड़े शब्दों में फटकार लगाई। इस दौरान एसडीएम ने वकीलों की ओर उंगली दिखाते हुए कहा कि हर चीज की एक सीमा होती है। अगर कोई अपनी हदें पार करेगा तो यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। मेरे सामने किसी की रणनीति नहीं चलेगी। तहसील को आपने अड्डा बना रखा है, लेकिन यह तमाशा अब नहीं चलेगा। नेहा मिश्रा की यह सख्त प्रतिक्रिया अब जिलेभर में चर्चा का विषय बन गई है।
कौन हैं नेहा मिश्रा?नेहा मिश्रा इस समय गोंडा जिले के करनैलगंज तहसील में उपजिलाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। वह 2020 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। यूपीपीसीएस परीक्षा में उन्होंने 10वीं रैंक हासिल की थी। उन्होंने तीन बार पीसीएस परीक्षा पास की है। नेहा मिश्रा कुशीनगर की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम ज्ञान प्रकाश मिश्र है। वे कुशीनगर के माधवपुरम के निवासी हैं।
नेहा मिश्रा की शुरुआती शिक्षा कुशीनगर में हुई। नेहा ने इसके बाद लखनऊ का रुख किया। लखनऊ के आईटी कॉलेज से उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए सेल्फ स्टडी शुरू की। वर्ष 2017 में उन्होंने लोअर पीसीएस परीक्षा पास की। इसके बाद नायब तहसीलदार के पद पर उनकी नियुक्ति हुई।
क्या है पूरा मामला?करनैलगंज तहसील परिसर में गुरुवार को बड़ी संख्या में वकील इकठ्ठा हुए और एसडीएम मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे। उनका आरोप था कि एसडीएम कोर्ट में नियमित रूप से नहीं बैठती हैं। सुनवाई के दौरान वकीलों से ठीक से बात नहीं करती हैं। वकीलों के विरोध की सूचना पर SDM नेहा मिश्रा अपने चैंबर से बाहर आईं। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे वकीलों को जैसे ही संबोधित करना शुरू किया, दोनों पक्षों में तीखी बहस शुरम हो गई। स्थिति तनावपूर्ण होती देख पुलिस और अन्य अफसर मौके पर पहुंचे, जिसके बाद वकील धीरे-धीरे हट गए।
एसडीएम ने क्या कहा?विवाद के बाद SDM नेहा मिश्रा ने मीडिया और कर्मचारियों के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि आप लोग तहसील में माहौल खराब नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि बार-बार धरने और नारेबाजी से प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। अगर किसी को किसी अधिकारी या कर्मचारी से शिकायत है, तो उसे लिखित में दर्ज कराया जाए, न कि तहसील परिसर को प्रदर्शन स्थल बनाया जाए।
एसडीएम ने बताया कि कुछ वकीलों ने कोर्ट में गाली-गलौज की और सुनवाई में बाधा डाली। उन्होंने कहा कि एक गुट बार-बार सुनवाई रुकवाने और प्रशासनिक कार्यों को ठप करने की कोशिश कर रहा है।
मानसिक उत्पीड़न का आरोपनेहा मिश्रा ने आरोप लगाया कि कुछ वकील अधिकारियों पर दबाव बनाकर गलत काम करवाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी तरह के मेंटल टॉर्चर या गलत दबाव के आगे नहीं झुकूंगी। तहसील में कोई भ्रष्टाचार नहीं है और सभी कार्य नियमों के अनुसार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि कोर्ट में नहीं बैठूंगी। जब इन लोगों ने कोर्ट नहीं चलने देने का प्रस्ताव दिया, इसके बाद से मैं सुनवाई नहीं कर रही थी। हालांकि, बाद में उन्होंने रोस्टर के आधार पर कोर्ट में बैठने और सुनवाई करने की बात कही।
वकीलों का तानाशाही का आरोपकरनैलगंज बार एसोसिएशन के महामंत्री पवन शुक्ला ने एसडीएम नेहा शर्मा पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एसडीएम यहां न्याय देने नहीं, तानाशाही करने आई हैं। उन्होंने तहसील को 'अड्डा' कहकर वकीलों का अपमान किया है। जब तक उनका ट्रांसफर नहीं होता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसडीएम ने सैकड़ों भूमि पैमाइश से जुड़ी फाइलों पर आदेश नहीं दिए, जिससे आम जनता परेशान है।
विवाद बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ने तहसील परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। अधिकारियों ने दोनों पक्षों से बातचीत कर माहौल शांत रखने की अपील की है। सूत्रों के अनुसार, उच्चाधिकारियों ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आगे ऐसी स्थिति दोबारा न बने।
कौन हैं नेहा मिश्रा?नेहा मिश्रा इस समय गोंडा जिले के करनैलगंज तहसील में उपजिलाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। वह 2020 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। यूपीपीसीएस परीक्षा में उन्होंने 10वीं रैंक हासिल की थी। उन्होंने तीन बार पीसीएस परीक्षा पास की है। नेहा मिश्रा कुशीनगर की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम ज्ञान प्रकाश मिश्र है। वे कुशीनगर के माधवपुरम के निवासी हैं।
नेहा मिश्रा की शुरुआती शिक्षा कुशीनगर में हुई। नेहा ने इसके बाद लखनऊ का रुख किया। लखनऊ के आईटी कॉलेज से उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए सेल्फ स्टडी शुरू की। वर्ष 2017 में उन्होंने लोअर पीसीएस परीक्षा पास की। इसके बाद नायब तहसीलदार के पद पर उनकी नियुक्ति हुई।
क्या है पूरा मामला?करनैलगंज तहसील परिसर में गुरुवार को बड़ी संख्या में वकील इकठ्ठा हुए और एसडीएम मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे। उनका आरोप था कि एसडीएम कोर्ट में नियमित रूप से नहीं बैठती हैं। सुनवाई के दौरान वकीलों से ठीक से बात नहीं करती हैं। वकीलों के विरोध की सूचना पर SDM नेहा मिश्रा अपने चैंबर से बाहर आईं। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे वकीलों को जैसे ही संबोधित करना शुरू किया, दोनों पक्षों में तीखी बहस शुरम हो गई। स्थिति तनावपूर्ण होती देख पुलिस और अन्य अफसर मौके पर पहुंचे, जिसके बाद वकील धीरे-धीरे हट गए।
गोंडा के कर्नलगंज में एसडीएम नेहा मिश्रा और वकील आमने-सामने। तहसील में नारेबाजी से नाराज हुई एसडीएम ने लगाया माहौल खराब करने का आरोप। अधिकारियों के काम नहीं करने देने का लगाया आरोप। रोस्टर बनाकर अब होगी मामलों की सुनवाई।#Gonda #UttarPradesh @NavbharatTimes pic.twitter.com/NCDgyZekDV
— NBT Uttar Pradesh (@UPNBT) October 30, 2025
एसडीएम ने क्या कहा?विवाद के बाद SDM नेहा मिश्रा ने मीडिया और कर्मचारियों के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि आप लोग तहसील में माहौल खराब नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि बार-बार धरने और नारेबाजी से प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। अगर किसी को किसी अधिकारी या कर्मचारी से शिकायत है, तो उसे लिखित में दर्ज कराया जाए, न कि तहसील परिसर को प्रदर्शन स्थल बनाया जाए।
एसडीएम ने बताया कि कुछ वकीलों ने कोर्ट में गाली-गलौज की और सुनवाई में बाधा डाली। उन्होंने कहा कि एक गुट बार-बार सुनवाई रुकवाने और प्रशासनिक कार्यों को ठप करने की कोशिश कर रहा है।
मानसिक उत्पीड़न का आरोपनेहा मिश्रा ने आरोप लगाया कि कुछ वकील अधिकारियों पर दबाव बनाकर गलत काम करवाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी तरह के मेंटल टॉर्चर या गलत दबाव के आगे नहीं झुकूंगी। तहसील में कोई भ्रष्टाचार नहीं है और सभी कार्य नियमों के अनुसार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि कोर्ट में नहीं बैठूंगी। जब इन लोगों ने कोर्ट नहीं चलने देने का प्रस्ताव दिया, इसके बाद से मैं सुनवाई नहीं कर रही थी। हालांकि, बाद में उन्होंने रोस्टर के आधार पर कोर्ट में बैठने और सुनवाई करने की बात कही।
वकीलों का तानाशाही का आरोपकरनैलगंज बार एसोसिएशन के महामंत्री पवन शुक्ला ने एसडीएम नेहा शर्मा पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एसडीएम यहां न्याय देने नहीं, तानाशाही करने आई हैं। उन्होंने तहसील को 'अड्डा' कहकर वकीलों का अपमान किया है। जब तक उनका ट्रांसफर नहीं होता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसडीएम ने सैकड़ों भूमि पैमाइश से जुड़ी फाइलों पर आदेश नहीं दिए, जिससे आम जनता परेशान है।
विवाद बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ने तहसील परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। अधिकारियों ने दोनों पक्षों से बातचीत कर माहौल शांत रखने की अपील की है। सूत्रों के अनुसार, उच्चाधिकारियों ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आगे ऐसी स्थिति दोबारा न बने।
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