नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 5 साल पुराने एक क्रिमिनल केस में बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदोलिया के खिलाफ शनिवार को आरोप तय कर दिए हैं। चंदोलिया पर एक सरकारी कर्मचारी पर हमला करने का आरोप है। इस मामले में चंदोलिया के खिलाफ 2020 में दिल्ली के प्रसाद नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। बता दें कि पुलिस की ओर से जांच के बाद तीस हजारी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए 17 अक्टूबर 2023 को चंदोलिया को समन जारी किया था। चंदोलिया के खिलाफ क्या मामला दर्ज? अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) नेहा मित्तल की अदालत ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग करना) और 356 के तहत आरोप तय किए।उन्हें आईपीसी की धारा 186 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालना) के तहत बरी कर दिया गया है। चंदोलिया कोर्ट में मौजूद थे। क्या है मामला? चंदोलिया की तरफ से एडवोकेट हरिओम गुप्ता के साथ एडवोकेट सुकृत और अनन्या कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने इस मामले को अगली सुनवाई के लिए 22 मई को तय की है। कोर्ट ने कहा कि डिटेल ऑर्डर अभी अपलोड किया जाना है। साल 2020 में कथित रूप से एक सरकारी कर्मचारी को उसकी ड्यूटी करने से रोकने और उसके खिलाफ बल का प्रयोग करने और शिकायतकर्ता हेड कॉन्स्टेबल राजकुमार से मोबाइल फोन छीनने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी।
You may also like
आज जिला न्यायालय भवन और सर्किट हाउस का मुख्यमंत्री करेंगे लोकार्पण
बड़े हथियारों की कमी झेल रहे पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर की फायरिंग
इजरायली प्रधानमंत्री ने अजरबैजान यात्रा स्थगित की
चमकदार त्वचा के लिए दूध के अद्भुत फायदे
04 मई से इन 8 राशियों के खुलेंगे बंद भाग्य के ताले, भगवान गणेश की कृपा से खूब बरसेगा धन