पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गई है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए नियमों के पालन पर जोर दिया है। अब कोई भी मंत्री या उम्मीदवार सरकारी संसाधनों का चुनावी प्रचार में इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
सरकारी सुविधाओं के दुरुपयोग पर रोक
एमसीसी के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी मंत्री को सरकारी हेलीकॉप्टर या वाहन का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। केवल निजी या किराए के वाहन ही इस्तेमाल किए जा सकेंगे, और उनका खर्च उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि 48 घंटे के भीतर सभी सरकारी वेबसाइटों से नेताओं की तस्वीरें हटाई जाएं। दीवारों पर लिखावट, पोस्टर और बैनर लगाने जैसी गतिविधियां बिहार प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1985 के तहत प्रतिबंधित रहेंगी।
रैली, जुलूस और विज्ञापनों पर सख्त नियम
किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को रैली, सभा या जुलूस आयोजित करने से पहले स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। वाहनों की संख्या सीमित (अधिकतम 10) रखी जाएगी। लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। मतदान से 48 घंटे पहले किसी भी प्रकार का प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा, सभी राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पूर्व प्रमाणीकरण जरूरी होगा, बिना अनुमति के प्रसारण या प्रकाशन नहीं किया जा सकेगा।
भड़काऊ बयानों और जातीय अपील पर पाबंदी
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को चेताया है कि वे अपने भाषणों में व्यक्तिगत हमले, सांप्रदायिक या जाति आधारित अपील से बचें। आलोचना केवल नीतियों और कार्यक्रमों तक सीमित रहनी चाहिए। इसके अलावा, मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी तरह का प्रचार, भीड़ या नारेबाजी पर पूरी तरह रोक रहेगी।
मतदान दिवस पर विशेष प्रतिबंध
मतदान के दिन उम्मीदवारों को केवल 1 से 3 वाहनों की अनुमति होगी। मतदाताओं को शराब परोसने या परिवहन की सुविधा देने पर प्रतिबंध रहेगा।
जो वाहन बिना अनुमति के पाए जाएंगे, उन्हें तुरंत जब्त किया जा सकता है। चुनावी प्रक्रिया के दौरान सभी उम्मीदवारों और दलों को चुनाव अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग करना होगा।
सरकारी सुविधाओं के दुरुपयोग पर रोक
एमसीसी के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी मंत्री को सरकारी हेलीकॉप्टर या वाहन का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। केवल निजी या किराए के वाहन ही इस्तेमाल किए जा सकेंगे, और उनका खर्च उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि 48 घंटे के भीतर सभी सरकारी वेबसाइटों से नेताओं की तस्वीरें हटाई जाएं। दीवारों पर लिखावट, पोस्टर और बैनर लगाने जैसी गतिविधियां बिहार प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1985 के तहत प्रतिबंधित रहेंगी।
रैली, जुलूस और विज्ञापनों पर सख्त नियम
किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को रैली, सभा या जुलूस आयोजित करने से पहले स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। वाहनों की संख्या सीमित (अधिकतम 10) रखी जाएगी। लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। मतदान से 48 घंटे पहले किसी भी प्रकार का प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा, सभी राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पूर्व प्रमाणीकरण जरूरी होगा, बिना अनुमति के प्रसारण या प्रकाशन नहीं किया जा सकेगा।
भड़काऊ बयानों और जातीय अपील पर पाबंदी
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को चेताया है कि वे अपने भाषणों में व्यक्तिगत हमले, सांप्रदायिक या जाति आधारित अपील से बचें। आलोचना केवल नीतियों और कार्यक्रमों तक सीमित रहनी चाहिए। इसके अलावा, मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी तरह का प्रचार, भीड़ या नारेबाजी पर पूरी तरह रोक रहेगी।
मतदान दिवस पर विशेष प्रतिबंध
मतदान के दिन उम्मीदवारों को केवल 1 से 3 वाहनों की अनुमति होगी। मतदाताओं को शराब परोसने या परिवहन की सुविधा देने पर प्रतिबंध रहेगा।
जो वाहन बिना अनुमति के पाए जाएंगे, उन्हें तुरंत जब्त किया जा सकता है। चुनावी प्रक्रिया के दौरान सभी उम्मीदवारों और दलों को चुनाव अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग करना होगा।
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