दरभंगा: दरभंगा जिले की जाले विधानसभा सीट बिहार की हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जाती है। यहां से मौजूदा बिहार सरकार में मंत्री जीवेश मिश्रा चौथी बार मैदान में हैं। एनडीए की ओर से बीजेपी प्रत्याशी जीवेश मिश्रा इस बार ‘विजय चौका’ लगाने के इरादे से उतरे हैं। उनके सामने महागठबंधन से कांग्रेस के उम्मीदवार ऋषि मिश्रा हैं। दोनों के बीच मुकाबला बेहद रोमांचक बना हुआ है। आज इस सीट पर पहले चरण के तहत मतदान हुआ। यहां रिकॉर्ड 63.42 प्रतिशत मतदान हुआ। हालांकि मतदान का प्रतिशत कुछ बढ़ सकता है। अब सबकी नजरें 14 नवबंर को होने वाली मतगणना पर टिक गई हैं। तभी पता चलेगा कि दो मिश्राओं की जंग में किसे जीत मिली- बीजेपी के जीवेश या कांग्रेस के रिषी...
जाले विधानसभा का चुनावी इतिहास
जाले सीट पर राजनीतिक मुकाबले का लंबा इतिहास रहा है। 2020 के चुनाव में बीजेपी के जीवेश कुमार मिश्रा ने कांग्रेस के मशकूर अहमद उस्मानी को 21,796 वोटों (13.20%) के अंतर से हराया था। 2015 में, जीवेश मिश्रा ने जदयू के ऋषि मिश्रा को शिकस्त दी थी। 2010 में, बीजेपी उम्मीदवार विजय कुमार मिश्रा ने राजद के रामनिवास को हराकर जीत दर्ज की थी। 2015 के चुनाव में बीजेपी ने विजय मिश्रा की जगह जीवेश मिश्रा पर भरोसा जताया था, जो सफल रहा। बीजेपी उम्मीदवार को 62,059 वोट, जबकि जदयू के ऋषि मिश्रा को 57,439 वोट मिले थे। समाजवादी पार्टी के मुजीब रहमान तीसरे स्थान पर रहे थे।
वोटिंग के लाइव अपडेट के लिए यहां क्लिक करें
2020 में जाले में कितना मतदान हुआ?
2020 के चुनाव के मुताबकि, जाले विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2.85 लाख है। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में केवल 1.65 लाख ही वोट पड़े थे। 2020 में जाले में कुल 55.7 प्रतिशत मतदान हुआ था।
क्या है जाले का सामाजिक समीकरण?
जाले विधानसभा का जातीय समीकरण चुनाव में अहम भूमिका निभाता है। यहां मुस्लिम, यादव, भूमिहार, ब्राह्मण और रविदास समुदायों की जनसंख्या प्रभावशाली है। महागठबंधन के उम्मीदवार को मुस्लिम और यादव वोट बैंक पर भरोसा है, जबकि बीजेपी प्रत्याशी जीवेश मिश्रा को भूमिहार, ब्राह्मण, अतिपिछड़ा और पासवान समुदाय के समर्थन की उम्मीद है।
जाले विधानसभा का चुनावी इतिहास
जाले सीट पर राजनीतिक मुकाबले का लंबा इतिहास रहा है। 2020 के चुनाव में बीजेपी के जीवेश कुमार मिश्रा ने कांग्रेस के मशकूर अहमद उस्मानी को 21,796 वोटों (13.20%) के अंतर से हराया था। 2015 में, जीवेश मिश्रा ने जदयू के ऋषि मिश्रा को शिकस्त दी थी। 2010 में, बीजेपी उम्मीदवार विजय कुमार मिश्रा ने राजद के रामनिवास को हराकर जीत दर्ज की थी। 2015 के चुनाव में बीजेपी ने विजय मिश्रा की जगह जीवेश मिश्रा पर भरोसा जताया था, जो सफल रहा। बीजेपी उम्मीदवार को 62,059 वोट, जबकि जदयू के ऋषि मिश्रा को 57,439 वोट मिले थे। समाजवादी पार्टी के मुजीब रहमान तीसरे स्थान पर रहे थे।
वोटिंग के लाइव अपडेट के लिए यहां क्लिक करें
2020 में जाले में कितना मतदान हुआ?
2020 के चुनाव के मुताबकि, जाले विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2.85 लाख है। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में केवल 1.65 लाख ही वोट पड़े थे। 2020 में जाले में कुल 55.7 प्रतिशत मतदान हुआ था।
क्या है जाले का सामाजिक समीकरण?
जाले विधानसभा का जातीय समीकरण चुनाव में अहम भूमिका निभाता है। यहां मुस्लिम, यादव, भूमिहार, ब्राह्मण और रविदास समुदायों की जनसंख्या प्रभावशाली है। महागठबंधन के उम्मीदवार को मुस्लिम और यादव वोट बैंक पर भरोसा है, जबकि बीजेपी प्रत्याशी जीवेश मिश्रा को भूमिहार, ब्राह्मण, अतिपिछड़ा और पासवान समुदाय के समर्थन की उम्मीद है।
You may also like

जो सरकार वोट चोरी से बनती है, वो कभी युवाओं, Gen Z और आम जनता के हित में काम नहीं करती: Rahul Gandhi

मप्रः भोपाल के शौर्य स्मारक में 150 कलाकार करेंगे वंदे मातरम् समवेत गायन

मप्रः मुख्यमंत्री आज 877 नव-चयनित कर्मियों को देंगे नियुक्ति व पदस्थापना आदेश

भोपाल में 69वीं राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिता का आयोजन आज से

4 साल की शादी का अंत.. तलाक का तूफ़ान उन लोगों के जीवन में आया जिन्हें टेलीविजन पर नंबर वन जोड़ा माना जाता था!




