नालंदा: देश में आज़ादी के बाद पहली बार होने जा रही जाति आधारित जनगणना को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज़ हो गई है। इस फैसले का स्वागत करते हुए बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है। उन्होंने इसे ऐतिहासिक और स्वागत योग्य निर्णय बताया। मंत्री श्रवण कुमार ने कहा, 'प्रधानमंत्री का यह फैसला देश के गरीब और वंचित तबकों के हित में है। इससे सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस पहल होगी।' मंत्री ने कहा कि जाति आधारित जनगणना की मांग कोई नई नहीं है। इसकी नींव बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रखी। नीतीश जी ने उस वक्त से इस मुद्दे को लगातार उठाया। 1994 में लोकसभा में भी उन्होंने इसे बड़ी मजबूती से रखा था, जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने बताया कि बताया कि नीतीश कुमार ने किस प्रकार जातीय जनगणना के सवाल को पहले उठाया था। उन्होंने कहा कि यह केवल जनगणना नहीं, बल्कि समाज के हाशिये पर खड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने भी इस मुद्दे को बार-बार राष्ट्रीय मंच पर उठाया है। मंत्री ने कहा, 'आप सोच सकते हैं कि हमारी दृष्टि कहां थी। हमारी दृष्टि हमेशा जातीय जनगणना के ऊपर थी।' जातीय जनगणना को लेकर अन्य राजनीतिक दलों से भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, जिससे साफ है कि आने वाले समय में यह मुद्दा देश की राजनीति में अहम स्थान लेने जा रहा है।
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