नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अब शराब की प्रीमियम दुकानें सिर्फ मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में ही नहीं, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों में भी खुलेंगी। दिल्ली सरकार की नई शराब ड्राफ्ट पॉलिसी में यह प्रस्ताव रखा गया है। हालांकि, इसके लिए एक शर्त रखी गई है कि इन इलाकों की सड़कें 24 मीटर से ज्यादा चौड़ी होनी चाहिए। यह पहली बार होगा जब औद्योगिक क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दी जाएगी।
दिल्ली में शराब नीति बनाने वाली कमेटी की फाइनल बैठक कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा की व्यस्तता के कारण टल गई है। सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक ड्राफ्ट शराब नीति को अंतिम रूप देने के लिए थी, जिसके बाद इसे मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जाएगा। फिलहाल, दिल्ली की मौजूदा शराब नीति 31 मार्च 2026 तक लागू है।
शराब खरीदने वालों का अनुभव होगा बेहतर
सरकार का मकसद शराब खरीदने वालों के अनुभव को बेहतर बनाना है। इसके लिए प्रीमियम दुकानों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इससे दिल्ली के लोग एनसीआर के दूसरे शहरों में शराब खरीदने नहीं जाएंगे, जिससे दिल्ली सरकार का राजस्व बढ़ेगा। नई नीति में यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि शराब की दुकानें रिहायशी इलाकों के पास न खुलें। इसलिए मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अलावा औद्योगिक क्षेत्रों को भी इसमें शामिल करने का सुझाव दिया गया है। दिल्ली में 29 अधिकृत औद्योगिक क्षेत्र हैं और 25 ऐसे इलाके भी हैं जहां गैर-अनुरूप औद्योगिक क्षेत्र चल रहे हैं।
राजस्व बढ़ाने का नया जरिया
यह कदम दिल्ली सरकार के लिए राजस्व बढ़ाने का एक नया जरिया साबित हो सकता है। प्रीमियम दुकानों की उपलब्धता बढ़ने से लोग दिल्ली में ही शराब खरीदना पसंद करेंगे। इससे पड़ोसी राज्यों में जाने वाले खरीदारों की संख्या कम होगी।
कमेटी की बैठक टलने से नीति को अंतिम रूप देने में थोड़ी देरी हो सकती है। लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा। यह बदलाव दिल्ली की शराब बिक्री के परिदृश्य को बदल सकता है।
यह नीति दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाएगी। औद्योगिक क्षेत्रों में दुकानें खुलने से उन इलाकों में काम करने वाले लोगों को भी सुविधा मिलेगी। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शराब की बिक्री सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से हो।
दिल्ली में शराब नीति बनाने वाली कमेटी की फाइनल बैठक कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा की व्यस्तता के कारण टल गई है। सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक ड्राफ्ट शराब नीति को अंतिम रूप देने के लिए थी, जिसके बाद इसे मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जाएगा। फिलहाल, दिल्ली की मौजूदा शराब नीति 31 मार्च 2026 तक लागू है।
शराब खरीदने वालों का अनुभव होगा बेहतर
सरकार का मकसद शराब खरीदने वालों के अनुभव को बेहतर बनाना है। इसके लिए प्रीमियम दुकानों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इससे दिल्ली के लोग एनसीआर के दूसरे शहरों में शराब खरीदने नहीं जाएंगे, जिससे दिल्ली सरकार का राजस्व बढ़ेगा। नई नीति में यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि शराब की दुकानें रिहायशी इलाकों के पास न खुलें। इसलिए मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अलावा औद्योगिक क्षेत्रों को भी इसमें शामिल करने का सुझाव दिया गया है। दिल्ली में 29 अधिकृत औद्योगिक क्षेत्र हैं और 25 ऐसे इलाके भी हैं जहां गैर-अनुरूप औद्योगिक क्षेत्र चल रहे हैं।
राजस्व बढ़ाने का नया जरिया
यह कदम दिल्ली सरकार के लिए राजस्व बढ़ाने का एक नया जरिया साबित हो सकता है। प्रीमियम दुकानों की उपलब्धता बढ़ने से लोग दिल्ली में ही शराब खरीदना पसंद करेंगे। इससे पड़ोसी राज्यों में जाने वाले खरीदारों की संख्या कम होगी।
कमेटी की बैठक टलने से नीति को अंतिम रूप देने में थोड़ी देरी हो सकती है। लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा। यह बदलाव दिल्ली की शराब बिक्री के परिदृश्य को बदल सकता है।
यह नीति दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाएगी। औद्योगिक क्षेत्रों में दुकानें खुलने से उन इलाकों में काम करने वाले लोगों को भी सुविधा मिलेगी। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शराब की बिक्री सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से हो।
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