इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंध इस समय बेहद तनावपूर्ण चल रहे हैं। दोनों देशों में बीते एक महीने में कई मौकों पर बॉर्डर पर गोलीबारी हुई है। इसमें दोनों ओर से कई लोगों की जान गई है। तनावपूर्ण संबंधों का असर दोनों देशों के बाजार पर भी दिख रहा है। खासतौर से अफगानिस्तान के साथ बॉर्डर बंद करने और व्यापार रोकने से पाकिस्तान की मुश्किल बढ़ी है। पाकिस्तान में सब्जियों और खानेपीने की चीजों के दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। वहीं ईरान और भारत जैसे पड़ोसी देशों को अफगानिस्तान के बाजार में एंट्री करने का मौका मिल रहा है।
अफगान न्यूज चैनल टोलो न्यूज ने बताया है कि तोरखम बॉर्डर बीते एक महीने से बंद हैं। सीमा एक महीने तक बंद रहने से दोनों देशों के बीच निर्यात और आयात में 4.5 अरब डॉलर और 16.5 अरब रुपए का नुकसान हुआ है। अफगानिस्तान से बड़ी तादाद में सब्जियां पाकिस्तान में आती हैं। ऐसे में इस लड़ाई का असर ये हुआ कि पाकिस्तान में टमाटर के दाम 500 रुपए किलो तक पहुंच गए।
अफगानिस्तान में भारत की एंट्रीतालिबान के साथ रिश्ते में तनातनी का सीधा असर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के व्यापारिक संबंधों पर हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान की अफगान बाजार पर पकड़ घटी है। पाक ने अफगान बाजार का करीब 65 प्रतिशत हिस्सा ईरान, भारत, तुर्की और मध्य एशियाई देशों के हाथों गंवा दिया है।
पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से टोलो न्यूज ने बताया है कि अफगान के साथ युद्ध का असर सिर्फ सब्जियों के दाम बढ़ने तक ही सीमित नहीं है। बार-बार सीमा बंद होने और प्रतिकूल व्यापारिक माहौल के चलते बड़े व्यापारियों ने अपना निवेश वापस ले लिया है। वहीं छोटे व्यापारियों को नुकसान और आत्मविश्वास में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है।
पाक-अफगान संबंधपाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंध बीते काफी समय से तनावपूर्ण चल रहे हैं। पाकिस्तान का कहना है कि तालिबान के काबुल में आने के बाद से उसके सुरक्षाबलों पर टीटीपी के हमले बढ़ गए हैं। पाकिस्तान का कहना है कि टीटीपी के लड़ाकों को अफगानिस्तान में पनाह मिल रही है। तालिबान इससे इनकार करता है लेकिन पाकिस्तान इस पर भरोसा नहीं करता है। यही दोनों देशों में तनातनी का सबसे अहम कारण बना हुआ है।
अफगान न्यूज चैनल टोलो न्यूज ने बताया है कि तोरखम बॉर्डर बीते एक महीने से बंद हैं। सीमा एक महीने तक बंद रहने से दोनों देशों के बीच निर्यात और आयात में 4.5 अरब डॉलर और 16.5 अरब रुपए का नुकसान हुआ है। अफगानिस्तान से बड़ी तादाद में सब्जियां पाकिस्तान में आती हैं। ऐसे में इस लड़ाई का असर ये हुआ कि पाकिस्तान में टमाटर के दाम 500 रुपए किलो तक पहुंच गए।
अफगानिस्तान में भारत की एंट्रीतालिबान के साथ रिश्ते में तनातनी का सीधा असर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के व्यापारिक संबंधों पर हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान की अफगान बाजार पर पकड़ घटी है। पाक ने अफगान बाजार का करीब 65 प्रतिशत हिस्सा ईरान, भारत, तुर्की और मध्य एशियाई देशों के हाथों गंवा दिया है।
पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से टोलो न्यूज ने बताया है कि अफगान के साथ युद्ध का असर सिर्फ सब्जियों के दाम बढ़ने तक ही सीमित नहीं है। बार-बार सीमा बंद होने और प्रतिकूल व्यापारिक माहौल के चलते बड़े व्यापारियों ने अपना निवेश वापस ले लिया है। वहीं छोटे व्यापारियों को नुकसान और आत्मविश्वास में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है।
पाक-अफगान संबंधपाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंध बीते काफी समय से तनावपूर्ण चल रहे हैं। पाकिस्तान का कहना है कि तालिबान के काबुल में आने के बाद से उसके सुरक्षाबलों पर टीटीपी के हमले बढ़ गए हैं। पाकिस्तान का कहना है कि टीटीपी के लड़ाकों को अफगानिस्तान में पनाह मिल रही है। तालिबान इससे इनकार करता है लेकिन पाकिस्तान इस पर भरोसा नहीं करता है। यही दोनों देशों में तनातनी का सबसे अहम कारण बना हुआ है।
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