बीजिंग: अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने कहा है कि भारत उनके देश से शत्रुता का बर्ताव करता है। अलीयेव का कहना है कि अजरबैजान का पाकिस्तान के साथ अच्छा संबंध है। ऐसे में वैश्विक मंचों पर भारत की कोशिश अजरबैजान से बदला लेने की रहती है। अलीयेव ने उत्तरी चीन में 25वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के इतर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ अपनी बैठक के दौरान यह टिप्पणी की है।
एससीओ बैठक के लिए चीन पहुंचे शरीफ और अलीयेव ने सोमवार को यहां मुलाकात की है। इस दौरान शरीफ ने भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान अजरबैजान की ओर से मिले समर्थन के लिए अलीयेव को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस दौरान त्रिपक्षीय अजरबैजान-तुर्की-पाकिस्तान की साझेदारी पर जोर दिया। दूसरी ओर अलीयेव ने एससीओ सदस्य ना बन पाने के लिए भारत पर ठीकरा फोड़ते हुए अपनी नाराजगी जताई।
भारत हमारे साथ गलत कर रहा: अलीयेवअलीयेव ने शहबाज से कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की कार्रवाइयां हमारे खिलाफ हैं। हालांकि इसके बावजूद अजरबैजान इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों में भाईचारे को प्राथमिकता देता है। वह पाकिस्तान से अपनी दोस्ती को बढ़ाने पर काम करता रहेगा। अलीयेव ने इस बात पर जोर दिया कि अजरबैजान और पाकिस्तान की साझेदारी राजनीतिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों पर आधारित है।
अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच लंबे समय से तनातनी रही है। इसमें अजरबैजान को पाकिस्तान और तुर्की को आर्मेनिया को भारत से समर्थन मिलता रहा है। अजरबैजान की ओर से पाकिस्तान को खुला समर्थन दिया जाता रहा है। वहीं भारत के आर्मेनिया को समर्थन पर वह नाराजगी जताता रहा है। अजरबैजान का कहना है कि भारत वैश्विक मंचों पर उसकी उपस्थिति को कमजोर करना चाहता है।
शांति समझौते पर भी बातचीतशहबाद शरीफ ने अलीयेव के साथ बैठक में आर्मेनिया और अजरबैजान के शांति समझौते पर भी बात की है। उन्होंने शांति प्रक्रिया में प्रगति के लिए अलीयेव को बधाई दी। अलीयेव ने इस दौरान दक्षिण काकेशस में स्थायी स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति को महत्वपूर्ण बताया। दोनों देशों में अमेरिका की मध्यस्था में शांति समझौता हुआ है।
एससीओ बैठक के लिए चीन पहुंचे शरीफ और अलीयेव ने सोमवार को यहां मुलाकात की है। इस दौरान शरीफ ने भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान अजरबैजान की ओर से मिले समर्थन के लिए अलीयेव को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस दौरान त्रिपक्षीय अजरबैजान-तुर्की-पाकिस्तान की साझेदारी पर जोर दिया। दूसरी ओर अलीयेव ने एससीओ सदस्य ना बन पाने के लिए भारत पर ठीकरा फोड़ते हुए अपनी नाराजगी जताई।
भारत हमारे साथ गलत कर रहा: अलीयेवअलीयेव ने शहबाज से कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की कार्रवाइयां हमारे खिलाफ हैं। हालांकि इसके बावजूद अजरबैजान इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों में भाईचारे को प्राथमिकता देता है। वह पाकिस्तान से अपनी दोस्ती को बढ़ाने पर काम करता रहेगा। अलीयेव ने इस बात पर जोर दिया कि अजरबैजान और पाकिस्तान की साझेदारी राजनीतिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों पर आधारित है।
अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच लंबे समय से तनातनी रही है। इसमें अजरबैजान को पाकिस्तान और तुर्की को आर्मेनिया को भारत से समर्थन मिलता रहा है। अजरबैजान की ओर से पाकिस्तान को खुला समर्थन दिया जाता रहा है। वहीं भारत के आर्मेनिया को समर्थन पर वह नाराजगी जताता रहा है। अजरबैजान का कहना है कि भारत वैश्विक मंचों पर उसकी उपस्थिति को कमजोर करना चाहता है।
शांति समझौते पर भी बातचीतशहबाद शरीफ ने अलीयेव के साथ बैठक में आर्मेनिया और अजरबैजान के शांति समझौते पर भी बात की है। उन्होंने शांति प्रक्रिया में प्रगति के लिए अलीयेव को बधाई दी। अलीयेव ने इस दौरान दक्षिण काकेशस में स्थायी स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति को महत्वपूर्ण बताया। दोनों देशों में अमेरिका की मध्यस्था में शांति समझौता हुआ है।
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