मॉस्को: रूस ने आईसीबीएम और क्रूज मिसाइल टेस्ट सहित परमाणु अभ्यास किया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने रणनीतिक परमाणु बल अभ्यास के तहत आईसीबीएम प्रक्षेपण का फुटेज जारी किया है। खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसका निर्देश दिया और नियोजित रणनीतिक परमाणु बल के अभ्यास को देखा। क्रेमलिन ने बताया कि आईसीबीएम और क्रूज मिसाइल टेस्ट सफल रहे हैं। ये ड्रिल ऐसे समय हो रहे हैं, जब पुतिन की ट्रंप के साथ होने वाली बैठक टल गई है। वहीं नाटो ने अपने अभ्यासों के जरिए ताकत दिखाई है। ऐसे में रूस ने भी शक्ति प्रदर्शन के जरिए जवाब दिया है।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को रूस की न्यूक्लियर फोर्स के जमीन, समुद्र और हवा में किए गए परीक्षण की निगरानी की ताकि उनकी तैयारी और कमान संरचना को परखा जा सके। इस परीक्षण में कॉस्मोड्रोम से जमीनी यार्स अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का प्रक्षेपण, बैरेंट्स सागर में एक परमाणु पनडुब्बी से सिनेवाबैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण शामिल था। अभ्यास में लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें दागने वाले टीयू-95 सामरिक बमवर्षक भी शामिल हुए।
रूस का परमाणु अभ्यासरूस अपनी परमाणु सेनाओं का नियमित अभ्यास करता है ताकि क्षमता का परीक्षण कराया जा सके। इसके जरिए वह विरोधियों को यह भी याद दिलाता है कि उसके पास दुनिया का बड़ा परमाणु शस्त्रागार है। उसका यह अभ्यास नाटो को जवाब देने की भी कोशिश है। नाटो ने इस महीने की शुरुआत में अपना वार्षिक परमाणु अभ्यास किया, जिसमें एफ-35ए लड़ाकू जेट और बी-52 बमवर्षक विमानों के साथ 13 देशों के 60 विमानों ने हिस्सा लिया।
सेना के जनरल स्टाफ प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव ने वीडियो लिंक के माध्यम से पुतिन को बताया कि अभ्यास का उद्देश्य परमाणु हथियारों के उपयोग को अधिकृत करने की प्रक्रियाओं" का अनुकरण करना था। पुतिन ने जोर देकर कहा कि इन युद्धाभ्यासों की योजना पहले से बनाई गई थी। हालांकि ये डोनाल्ड ट्रंप के बुडापेस्ट में पुतिन के साथ होने वाली बैठक स्थगित करने के कुछ घंटों बाद हुए।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को रूस की न्यूक्लियर फोर्स के जमीन, समुद्र और हवा में किए गए परीक्षण की निगरानी की ताकि उनकी तैयारी और कमान संरचना को परखा जा सके। इस परीक्षण में कॉस्मोड्रोम से जमीनी यार्स अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का प्रक्षेपण, बैरेंट्स सागर में एक परमाणु पनडुब्बी से सिनेवाबैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण शामिल था। अभ्यास में लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें दागने वाले टीयू-95 सामरिक बमवर्षक भी शामिल हुए।
रूस का परमाणु अभ्यासरूस अपनी परमाणु सेनाओं का नियमित अभ्यास करता है ताकि क्षमता का परीक्षण कराया जा सके। इसके जरिए वह विरोधियों को यह भी याद दिलाता है कि उसके पास दुनिया का बड़ा परमाणु शस्त्रागार है। उसका यह अभ्यास नाटो को जवाब देने की भी कोशिश है। नाटो ने इस महीने की शुरुआत में अपना वार्षिक परमाणु अभ्यास किया, जिसमें एफ-35ए लड़ाकू जेट और बी-52 बमवर्षक विमानों के साथ 13 देशों के 60 विमानों ने हिस्सा लिया।
सेना के जनरल स्टाफ प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव ने वीडियो लिंक के माध्यम से पुतिन को बताया कि अभ्यास का उद्देश्य परमाणु हथियारों के उपयोग को अधिकृत करने की प्रक्रियाओं" का अनुकरण करना था। पुतिन ने जोर देकर कहा कि इन युद्धाभ्यासों की योजना पहले से बनाई गई थी। हालांकि ये डोनाल्ड ट्रंप के बुडापेस्ट में पुतिन के साथ होने वाली बैठक स्थगित करने के कुछ घंटों बाद हुए।
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