जकार्ता: दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया की नई राजधानी के भूतिया शहर में बदलने का खतरा पैदा हो गया है। इंडोनेशिया अपनी राजधानी जकार्ता से नुसंतारा ले जाने की तैयाी कर रहा है। लेकिन, भविष्य की नई इमारतों की कतारों के साथ नुसंतारा के मुख्य मार्ग कुछ माली और उत्सुक पर्यटकों को छोड़कर ज्यादातर खाली हैं। नुसंतारा को इंडोनेशिया की नई राजधानी बनाने की महत्वकांक्षी योजना का लान पूर्व राष्ट्रपति जोको विडोडो ने किया था। इस परियोजना को शुरू हुए तीन साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अब भी कुछ लोगों को डर है कि इसके एक गौरवशाली भूतिया शहर बनने का खतरा है।
नई सरकार ने नुसंतारा का फंड घटाया
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले अक्टूबर में पदभार ग्रहण करने वाले राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के कार्यकाल में, नई राजधानी परियोजना के लिए सरकारी फंड आधे से भी ज्यादा घट गया है। 2024 में नुसंतारा को विकसित करने का सरकारी फंड 2 अरब पाउंड था, जो घटकर 2025 में 70 करोड़ पाउंड रह गया है। अगले वर्ष 30 करोड़ पाउंड आवंटित किए गए हैं, जो अनुरोधित राशि का एक तिहाई है। निजी निवेश भी लक्ष्य से 1 अरब पाउंड से ज्यादा कम रहा है।
नुसंतारा की उपेक्षा कर रहे राष्ट्रपति सुबियांटो
प्रबोवो सुबियांटो अभी तक राष्ट्रपति के रूप में कभी भी नुंसतारा का दौरा नहीं किया है। इससे उलट उन्होंने चुपचाप मई में नुसंतारा को "राजनीतिक राजधानी" का दर्जा दे दिया था। हालांकि, इस निर्णय को चार महीने बाद सितंबर में सार्वजनिक किया गया। 2024 में राजधानी की देखरेख करने वाली संस्था के प्रमुख और उप प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया। नुसंतारा में वर्तमान में लगभग 2,000 सरकारी कर्मचारी और 8,000 निर्माण श्रमिक रहते हैं, जो 2030 के 12 लाख के लक्ष्य से बहुत दूर है।
नुसंतारा के भविष्य पर संकट के बादल क्यों
नुसंतारा में अपार्टमेंट ब्लॉक, मंत्रालय भवन, अस्पताल, सड़कें, वाटर सप्लाई सिस्टम और एक हवाई अड्डा बनाया जा चुका है, लेकिन शहर का अधिकांश हिस्सा अभी भी निर्माणाधीन है। पूर्वी कालीमंतन स्थित मुलवर्मन विश्वविद्यालय के संवैधानिक कानून के विद्वान, हर्दियांस्याह हमजाह का कहना है कि यह परियोजना पहले से ही "एक भूतिया शहर" थी और नई "राजनीतिक राजधानी" के पदनाम का इंडोनेशियाई कानून में "कोई अर्थ नहीं" था। उनका कहना है कि "नई राजधानी प्रबोवो के लिए प्राथमिकता नहीं है।"
नई सरकार ने नुसंतारा का फंड घटाया
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले अक्टूबर में पदभार ग्रहण करने वाले राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के कार्यकाल में, नई राजधानी परियोजना के लिए सरकारी फंड आधे से भी ज्यादा घट गया है। 2024 में नुसंतारा को विकसित करने का सरकारी फंड 2 अरब पाउंड था, जो घटकर 2025 में 70 करोड़ पाउंड रह गया है। अगले वर्ष 30 करोड़ पाउंड आवंटित किए गए हैं, जो अनुरोधित राशि का एक तिहाई है। निजी निवेश भी लक्ष्य से 1 अरब पाउंड से ज्यादा कम रहा है।
नुसंतारा की उपेक्षा कर रहे राष्ट्रपति सुबियांटो
प्रबोवो सुबियांटो अभी तक राष्ट्रपति के रूप में कभी भी नुंसतारा का दौरा नहीं किया है। इससे उलट उन्होंने चुपचाप मई में नुसंतारा को "राजनीतिक राजधानी" का दर्जा दे दिया था। हालांकि, इस निर्णय को चार महीने बाद सितंबर में सार्वजनिक किया गया। 2024 में राजधानी की देखरेख करने वाली संस्था के प्रमुख और उप प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया। नुसंतारा में वर्तमान में लगभग 2,000 सरकारी कर्मचारी और 8,000 निर्माण श्रमिक रहते हैं, जो 2030 के 12 लाख के लक्ष्य से बहुत दूर है।
नुसंतारा के भविष्य पर संकट के बादल क्यों
नुसंतारा में अपार्टमेंट ब्लॉक, मंत्रालय भवन, अस्पताल, सड़कें, वाटर सप्लाई सिस्टम और एक हवाई अड्डा बनाया जा चुका है, लेकिन शहर का अधिकांश हिस्सा अभी भी निर्माणाधीन है। पूर्वी कालीमंतन स्थित मुलवर्मन विश्वविद्यालय के संवैधानिक कानून के विद्वान, हर्दियांस्याह हमजाह का कहना है कि यह परियोजना पहले से ही "एक भूतिया शहर" थी और नई "राजनीतिक राजधानी" के पदनाम का इंडोनेशियाई कानून में "कोई अर्थ नहीं" था। उनका कहना है कि "नई राजधानी प्रबोवो के लिए प्राथमिकता नहीं है।"
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