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यमन में लैंड माइन बिछा रहे हूती विद्रोही... अमेरिका के हवाई हमलों के बाद सता रहा नया डर, शुरू की तैयारी

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सना: यमन में अमेरिका के भीषण हवाई हमलों के बाद अब जमीन पर लड़ाई छिड़ सकती है। अमेरिका की सेना यमन की सरकार के साथ मिलकर हूतियों के खिलाफ जमीन पर हमला बोल सकती है। यमन सरकार और अमेरिका की संयुक्त संभावित जमीनी कार्रवाई के लिए हूती विद्रोहियों ने तैयारी शुरू कर दी है। ये तब हुआ है, जब अमेरिका ने यमन में हवाई हमले तेज कर दिए हैं, वहीं हूतियों ने भी लाल सागर और अदन की खाड़ी में जहाजों पर हमले तेज कर दिए हैं। हूती विद्रोहियों ने अमेरिका के खिलाफ मजबूती से लड़ाई जारी रखने की बात कही है।इजरायली वेबसाइट टाइम्स ऑफ इजरायल ने अशरक अल-अवसत नाम के अखबार के हवाले से हूतियों पर जमीनी हमले से संबंधित जानकारी दी है। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि हूतियों ने होदेइदाह और दूसरे आबादी वाले क्षेत्रों में बारूदी सुरंगें (लैंड माइन) बिछाना शुरू कर दिया है। यह यमनी सरकार और अमेरिका की संभावित कार्रवाई से निपटने के लिए तैयारी के तहत किया जा रहा है। हूतियों को लगता है कि हवा के बाद उनपर जमीनी हमला होगा। अमेरिका हर दिन कर रहा बमबारीअमेरिकी सेना करीब एक महीने से लगातार यमन में बमबारी कर रही है। अमेरिका ने हूतियों को निशाना बनाकर हवाई हमले करने का दावा किया हैं। अमेरिका का कहना है कि जब तक हूती लाल सागर और अदन की खाड़ी में उनके जहाजों पर हमले बंद नहीं करेंगे, तब तक वह भी एयर स्ट्राइक जारी रखेंगे। हूतियों ने गाजा युद्ध शुरू होने के बाद फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायल और अमेरिकी जहाजों पर लाल सागर में हमले किए हैं। इससे उनकी अमेरिका से तनातनी है। अमेरिका के यमन में हमले भारी तबाही मचा रहे हैं। यमन के शुक्रवार को हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले एक तेल बंदरगाह को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों में 74 लोग मारे गए और 170 लोग घायल हो गए हैं। यह हूतियों को निशाना बनाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से शुरू किए गए नए अभियान के तहत अब तक का सबसे घातक हमला है। यमन में सरकार और हूतियों का नियंत्रणयमन के एक तिहाई हिस्से और 80 प्रतिशत आबादी पर फिलहाल हूतियों का नियंत्रण है। हूतियों की सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल राजधानी सना में है। दूसरी ओर सरकार दक्षिण में अदन शहर से काम करती है। यमनी सरकार का प्रतिनिधित्व राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद करती है। इसमें कई पार्टियां शामिल हैं, जिनमें यूएई समर्थित अलगाववादी दक्षिणी संक्रमणकालीन परिषद भी है। यमनी सरकार को अमेरिका के समर्थन वाली माना जाता है।
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