Newsindia live,Digital Desk: Election Commission : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पुत्र और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के ऊपर बड़ा आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि विजय कुमार सिन्हा के दो वोटर लिस्ट में नाम हैं और इस मामले में वे जल्द ही चुनाव आयोग को एक पत्र लिखेंगे इसके बाद चुनाव आयोग उन्हें नोटिस भेजेगा और कानूनी कार्रवाई की मांग करेगा तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर विजय सिन्हा से इस्तीफे की भी मांग की है यह बयान बिहार की राजनीति में नई खलबली पैदा कर सकता हैतेजस्वी यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए यह बात कही उन्होंने कहा उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का नाम दो वोटर लिस्ट में है उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव को दो वोटर लिस्ट का दावा करने वाला वीडियो दिखाया जिसके बाद यह मामला चर्चा में आ गया उन्होंने इस बात को भी उजागर किया कि एक व्यक्ति का नाम दो जगहों की मतदाता सूची में कैसे हो सकता है उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पर कार्रवाई करनी होगीहालांकि नीतीश कुमार की ओर से अभी तक इस पर कोई बयान नहीं आया है यह संभावना है कि वे इस मामले में जांच के बाद कोई प्रतिक्रिया देंगे मुख्यमंत्री की खामोशी से विपक्ष के निशाने पर वे भी आ सकते हैं इससे पहले भाजपा भी इसी प्रकार के मामले में विपक्ष पर आरोप लगाती रही है भाजपा का कहना था कि कई ऐसे विधायक या नेता हैं जिनके दो जगह वोटर लिस्ट में नाम दर्ज हैं और उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई हैतेजस्वी यादव ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए और अगर वे कार्रवाई नहीं करते तो जनता उन्हें सजा देगी चुनाव आयोग पर ऐसे मामलों को गंभीरता से लेने की बड़ी जिम्मेदारी होती है ताकि देश के चुनाव नियमों को सही तरीके से लागू किया जा सके तेजस्वी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और बताया कि वे इस मामले पर अंतिम रूप से न्याय पाने के लिए तैयार हैं चुनाव आयोग यदि इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा तो कानूनी रूप से इसकी आगे सुनवाई भी संभव हैइस तरह के आरोप अक्सर चुनावों से पहले या राजनीतिक तनाव के दौरान सामने आते रहते हैं इनका मकसद विपक्षी दलों को बदनाम करना और अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करना होता है दो वोटर आईडी होने के आरोप को एक गंभीर अपराध माना जाता है जो मतदाता पंजीकरण अधिनियम के खिलाफ है अगर यह आरोप साबित होता है तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है जिसमें मतदान के अधिकार से वंचित करना और जुर्माना शामिल है बिहार की राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण घटना बन सकती हैयह घटना बताती है कि बिहार में राजनीतिक सरगर्मी काफी बढ़ गई है आने वाले चुनाव के मद्देनजर ऐसी बयानबाजियां और आरोपों का सिलसिला जारी रहेगा चुनाव आयोग अब इस मामले में किस तरह का रुख अपनाता है यह देखने वाली बात होगी
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