यूरिन इन्फेक्शन याUTI...यह एक ऐसी परेशानी है जिसका सामना ज्यादातर महिलाओं ने अपनी जिंदगी में कभी न कभी जरूर किया होता है। पेशाब में जलन,बार-बार बाथरूम भागना,पेट के निचले हिस्से में दर्द... यह कुछ ऐसी दिक्कतें हैं जिन्हें हम अक्सर मामूली समझकर या तो नजरअंदाज कर देते हैं या फिर घर पर ही कोई टोटका आजमाकर ठीक करने की कोशिश करते हैं।लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह‘मामूली’सा दिखने वाला इन्फेक्शन अगर बार-बार लौटकर आ रहा है,तो यह आपके शरीर के एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग - यूरिनरी ब्लैडर (पेशाब की थैली) - को धीरे-धीरे कमजोर बना रहा है?यह एक ऐसा सवाल है जो हर उस महिला को खुद से पूछना चाहिए जो इस समस्या से बार-बार जूझती है। चलिए,आज इसे आसान भाषा में समझते हैं।इन्फेक्शन और ब्लैडर का क्या है कनेक्शन?सोचिए,अगर कोई आपको बार-बार परेशान करे या चोट पहुंचाए तो क्या होगा?धीरे-धीरे आप चिड़चिड़े और संवेदनशील हो जाएंगे। ठीक यही हाल हमारे ब्लैडर का होता है।जब यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया हमला करते हैं,तो वे ब्लैडर की अंदरूनी दीवारों पर सूजन और जलन पैदा कर देते हैं। एक-दो बार तो हमारा शरीर इससे लड़ लेता है और ठीक हो जाता है। लेकिन जब यह हमला बार-बार होता है,तो ब्लैडर की नसें और मांसपेशियां लगातार उस जलन और सूजन को झेलती हैं।कैसे होता है ब्लैडर कमजोर?लगातार इन्फेक्शन झेलने के कारण ब्लैडर की मांसपेशियां‘ओवर-सेंसिटिव’हो जाती हैं। इसका नतीजा यह होता है:ब्लैडर‘चिड़चिड़ा’हो जाता है:अब वह थोड़ा सा भी पेशाब जमा होने पर दिमाग को‘फुल’होने का सिग्नल भेजने लगता है। यही वजह है कि आपको हर15-20मिनट में बाथरूम भागने की इच्छा होती है,जबकि असल में ब्लैडर पूरा भरा भी नहीं होता।कंट्रोल करने की क्षमता घट जाती है:बार-बार की सूजन और जलन से ब्लैडर की मांसपेशियां थक जाती हैं। इससे पेशाब को रोककर रखने की उनकी ताकत कम हो जाती है। कई बार खांसने या छींकने पर भी यूरिन लीक हो जाने की समस्या इसी का नतीजा हो सकती है।खाली होने में दिक्कत:कुछ मामलों में,ब्लैडर इतना कमजोर हो सकता है कि वह एक बार में पूरी तरह से खाली ही नहीं हो पाता। थैली में बचा हुआ पेशाब फिर से इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया के लिए घर बन जाता है,और यह एक न खत्म होने वाला चक्र बन जाता है।खतरे की घंटी को नजरअंदाज न करेंअगर बार-बार होने वालेUTIको गंभीरता से नहीं लिया गया,तो यह इन्फेक्शन ऊपर चढ़कर किडनी तक पहुंच सकता है,जो एक बहुत ही गंभीर स्थिति है।क्या करें?अगर आपको साल में2-3बार से ज्यादाUTIहो रहा है,तो इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से मिलें।डॉक्टर द्वारा दी गई एंटीबायोटिक का पूरा कोर्स करें,भले ही आपको2दिन में आराम मिल जाए।खूब सारा पानी पिएं ताकि बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकलते रहें।साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।आपका शरीर आपको संकेत देता है,उसे नजरअंदाज करना भविष्य में एक बड़ी और स्थायी समस्या को दावत दे सकता है।
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बार-बार होता है यूरिन इन्फेक्शन? आपकी यह 'छोटी सी गलती' ब्लैडर को बना रही है हमेशा के लिए कमजोर
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