लखनऊ:यमुना एक्सप्रेसवे का मतलब अब तक सिर्फ नोएडा,ग्रेटर नोएडा और फिल्म सिटी तक ही सीमित था,लेकिन अब कहानी पूरी तरह बदलने वाली है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA)अब अपने दायरे को बढ़ाते हुए एक नया और भव्य शहरी केंद्र बसाने जा रहा है -'नया हाथरस'।यह कोई छोटी-मोटी टाउनशिप नहीं,बल्कि एक पूरी तरह सेপরিকল্পিতशहर होगा,जिसे यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ विकसित किया जाएगा। यह कदम मथुरा में'हेरिटेज सिटी'और टप्पल में'लॉजिस्टिक हब'बनाने की योजनाओं के बादYEIDAका सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।कैसा होगा यह'नया हाथरस'?विशाल क्षेत्र:शुरुआती चरण में इस नए शहर को2से4हजार हेक्टेयरकी जमीन पर बसाया जाएगा।रणनीतिक लोकेशन:यह पूरा शहर यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर फैला होगा,जिससे इसकी कनेक्टिविटी बेमिसाल होगी।मास्टर प्लान तैयार: YEIDAजल्द ही एक सर्वेक्षण कराएगा,जिसके आधार पर इस क्षेत्र की भौगोलिक और औद्योगिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।358गांवों की जमीन:इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए हाथरस के358गांवों कोYEIDAके तहत अधिसूचित किया गया है,और जल्द ही यहां भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।क्यों चुना गया हाथरस?बनेगाMSMEका पावरहाउसहाथरस को चुनने के पीछे एक बड़ी और सोची-समझी रणनीति है। यह जिला पहले से ही छोटे,सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों (MSME)का एक बड़ा गढ़ है। एक सर्वे के मुताबिक,यहां पहले से ही करीब10,293उद्योगपंजीकृत हैं। अब मास्टर प्लान-2041 (फेज-2)के तहत इसी ताकत को एक नई और ग्लोबल पहचान देने की तैयारी है।डेयरी,कपड़ा और ब्रास का बनेगा नया हब'नए हाथरस'को खास तौर पर तीन उद्योगों का केंद्र बनाने की योजना है:डेयरी उद्योगकपड़ा उद्योगब्रास (पीतल) उद्योगहाथरस की लोकेशन भी इसके पक्ष में है। यह जिलाNH-93, SH-33और यमुना एक्सप्रेसवे जैसे तीन बड़े सड़क नेटवर्कों से जुड़ा है। साथ ही,यहां का रेल जंक्शन भी इस नए शहर के विकास को और रफ्तार देगा।आने वाले सालों में हाथरस सिर्फ एक जिला नहीं,बल्कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तरह ही उत्तर प्रदेश की एक नई और चमकती हुई औद्योगिक पहचान बनकर उभरने की राह पर है।
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