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Punjab Roadways Employees : अब और नहीं चलेंगे झूठे वादे, PRTC कर्मचारियों ने किया 29 सितंबर को विधानसभा घेरने का ऐलान

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News India Live, Digital Desk: Punjab Roadways Employees : पंजाब की सरकारी बसों में सफर करने वालों के लिए यह एक ज़रूरी खबर है। अपनी लंबे समय से लटक रही मांगों को लेकर अब पनबस (PUNBUS) और पीआरटीसी (PRTC) के कच्चे कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया है। सरकार के झूठे वादों और टालमटोल वाले रवैये से तंग आकर कर्मचारियों ने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। उन्होंने सरकार को सीधी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे 29 सितंबर को चंडीगढ़ में विधानसभा का घेराव करेंगे।"कई मीटिंग हुईं, मिला सिर्फ भरोसा"कर्मचारी यूनियन के प्रधान रेशम सिंह गिल ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वे लंबे समय से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रांसपोर्ट मंत्री से लेकर बड़े अधिकारियों तक, कई बार मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ झूठे भरोसे और 'लॉलीपॉप' के सिवा कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा, "अब हमारा भरोसा उठ चुका है। जब सरकार हमारी सुनने को तैयार नहीं है, तो हमारे पास सड़कों पर उतरकर संघर्ष करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।"कर्मचारियों की मुख्य मांगें क्या हैं?कर्मचारियों की लड़ाई मुख्य रूप से तीन मांगों को लेकर है:कच्चे कर्मचारी पक्के हों: ट्रांसपोर्ट विभाग में काम कर रहे सभी कच्चे कर्मचारियों को बिना किसी शर्त के तुरंत पक्का किया जाए।5% वेतन वृद्धि लागू हो: समझौते के मुताबिक, हर साल लगने वाली 5% की वेतन वृद्धि को जल्द से जल्द लागू किया जाए।गलत रिपोर्टें रद्द हों: जानबूझकर गलत तरीके से काटी गई कर्मचारियों की रिपोर्टों को रद्द करके बहाल किया जाए।किसानों का भी मिला साथकर्मचारियों के इस संघर्ष को अब और ताकत मिल गई है क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने भी उन्हें अपना पूरा समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि वे कर्मचारियों के हक की लड़ाई में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे और 29 सितंबर के प्रदर्शन में शामिल होंगे।इस ऐलान के बाद यह साफ है कि अगर सरकार ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो 29 सितंबर को चंडीगढ़ में एक बड़ा प्रदर्शन देखने को मिल सकता है। इससे सरकारी बसों की आवाजाही पर भी असर पड़ सकता है, जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है
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