हिंदू शास्त्रों में सुबह 3 से 3:30 बजे के बीच के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा गया है। यह समय अत्यंत शुभ, शक्तिशाली और ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। इस समय जागना न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से लाभकारी होता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद माना गया है। शास्त्रों में इसे ऐसा समय कहा गया है जब आत्मा और ब्रह्मांड के बीच संपर्क अत्यंत गहरा होता है।
सुबह 3 बजे आंख खुलना किस बात का संकेत है?-
ईश्वरीय लक्ष्य की ओर संकेत:
यदि आपकी आंख रोज सुबह ठीक 3 से 3:30 बजे के बीच खुलती है, तो यह संकेत हो सकता है कि भगवान आपके माध्यम से कोई विशेष कार्य करवाना चाहते हैं। यह समय ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ने का सबसे श्रेष्ठ समय माना गया है। -
दिव्य शक्तियों की उपस्थिति:
इस समय जागना इस बात का भी संकेत है कि कोई दिव्य शक्ति आपके भीतर प्रवेश करना चाहती है, या फिर आपमें ऐसी क्षमता है जिसे ईश्वर जागृत करना चाहते हैं। यदि आप लक्ष्यहीन हैं, तो इस समय प्रभु से मार्गदर्शन की प्रार्थना करें। नियमित रूप से इस समय ईश्वर का ध्यान करने से आत्मबोध बढ़ता है।
ध्यान और जप:
यह समय मानसिक शांति और आत्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है। ध्यान, मंत्र जाप या ईश्वर स्मरण करने से मन स्थिर होता है और आत्मिक बल बढ़ता है।
शास्त्र अध्ययन:
इस समय पढ़ा गया ज्ञान दीर्घकाल तक स्मृति में रहता है। भगवद गीता, उपनिषद और अन्य आध्यात्मिक ग्रंथों का अध्ययन अत्यंत लाभकारी होता है।
योग और प्राणायाम:
शरीर को ऊर्जावान और मन को शांत रखने के लिए यह समय आदर्श है। प्राणायाम से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और जीवन शक्ति जागृत होती है।
गुनगुना जल पीना:
सुबह उठकर खाली पेट गुनगुना पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
सकारात्मक संकल्प और आत्म-निरीक्षण:
दिन की शुरुआत सकारात्मक सोच के साथ करें। अपने भीतर झांककर बीते दिन का मूल्यांकन करें और नए लक्ष्य तय करें। यह अभ्यास मानसिक विकास में सहायक होता है।
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