इंटरनेट डेस्क। राजस्थान विधानसभा में महिला विधायकों द्वारा लगाए गए निजता हनन के आरोपों पर सियासत तेज हो गई है। इस मामले में सरकार की और से मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा में किसी भी प्रकार की निजी जगह नहीं है। सदन में पक्ष-प्रतिपक्ष की लॉबी, मीडिया गैलरी, विजिटर गैलरी और विधानसभा का पूरा हिस्सा आम जनता के लिए खुला रहता है।
ऐसे में प्राइवेसी की बात करना निराधार है। पटेल ने स्पष्ट किया कि महिला विधायकों की ओर से जो आरोप लगाए गए हैं, वे केवल आरोप लगाने के लिए हैं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पहले ही इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम भी कई बार साफ कर चुके हैं कि इस तरह के आरोपों में कोई तथ्य नहीं है।
जानकारी के अनुसार अनूपगढ़ से कांग्रेस विधायक शिमला नायक और भोपालगढ़ से विधायक गीता बरवड़ ने विधानसभा में जासूसी कैमरे लगाए जाने का गंभीर आरोप लगाया था। दोनों विधायकों का कहना है कि सदन में पहले से 9 कैमरे मौजूद थे, लेकिन हाल ही में 2 अतिरिक्त कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों का एक्सेस सीधे विधानसभा अध्यक्ष के रेस्ट रूम तक है। विधायकों ने आरोप लगाया कि स्पीकर और मंत्री इन कैमरों के जरिए उनकी रिकॉर्डिंग देखते हैं और निजी बातचीत सुनते हैं।
pc- asianetnews.com
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