इंटरनेट डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों को झटका देने के लिए दुनिया के दो बड़े देश भारत और चीन अब बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। खबरों के अनुसार, दोनों देशों के बीच अमेरिका को जवाब देने के मुद्दे पर सहमति बनी। एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों की जुगलबंदी की शक्तिशाली तस्वीर सामने आई।
इस दौरान व्यापार करने के लिए डॉलर के मुकाबले नया पेमेंट सिस्टम बनाने पर भी सहमति बनी है। ऐसा होने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगेगा। खबरों के अनुसार, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रैजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर मत्तेओ माज्जियोरी ने भू-अर्थशास्त्र की बदलती भूमिका पर चर्चा करते हुए इस संबंध में बड़ी बात कही है।
उन्होंने कहा कि बड़ी शक्तियां अब व्यापार और वित्तीय प्रणालियों को राजनीतिक प्रभाव डालने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही हैं। एक इंटरव्यू के दौरान माज्जियोरी ने बोल दिया कि चीन और भारत जैसे देश अब वैकल्पिक भुगतान प्रणालियां बना रहे हैं ताकि अमेरिकी दबाव से बच सकें और अपने प्रभाव क्षेत्र बढ़ा सकें। माज्जियोरी ने भारत को तेजी से उभरती शक्ति बताते हुए कहा कि रूस से तेल आयात और डिजिटल पेमेंट सिस्टम (यूपीआई) विकसित करना भारत के दो बड़े कदम हैं।
भारत का भुगतान तंत्र अब पड़ोसी देशों तक फैल रहा है
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रैजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर मत्तेओ माज्जियोरी ने ये कहा कि भारत का भुगतान तंत्र अब पड़ोसी देशों तक फैल रहा है। यह उन देशों के लिए आकर्षक होगा जिन्हें पश्चिमी तंत्र से बाहर कर दिया जाए। उन्होंने ये भी बोल दिया कि यदि कोई वैकल्पिक प्रणाली केवल दस प्रतिशत लेन-देन भी संभालने लगे, तो छोटे देशों के लिए वही पर्याप्त विकल्प होगा और अमेरिका की शक्ति को गंभीर झटका लगेगा।
PC:bbc
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