छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले के सीपत क्षेत्र में रविवार को उस समय तनाव का माहौल बन गया, जब प्रार्थना सभा की आड़ में चल रहे कथित मतांतरण की सूचना पर पुलिस और हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। वहां मौजूद भीड़ ने न केवल पुलिस बल्कि कार्यकर्ताओं पर भी पथराव कर दिया। अचानक बिगड़े हालात को देखते हुए पुलिस बल को अतिरिक्त सुरक्षा इंतज़ाम करने पड़े।
पथराव से मचा हड़कंपसूत्रों के अनुसार, सीपत इलाके में पिछले कई दिनों से प्रार्थना सभा के नाम पर संदिग्ध गतिविधियों की शिकायतें मिल रही थीं। रविवार को जैसे ही हिंदूवादी संगठन के कुछ लोग पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे, तो वहां मौजूद लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। स्थिति देखते ही देखते बेकाबू हो गई और पुलिस दल पर पथराव कर दिया गया। इस दौरान कई पुलिसकर्मी और संगठन के कार्यकर्ता चोटिल हुए।
सात लोग हिरासत मेंघटना के बाद पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 (हत्या का प्रयास), 192 (झूठा सबूत), 296 (धार्मिक भावनाएं भड़काना), 115(2), 132 (लोक सेवक पर हमला), 121 (राज्य के खिलाफ अपराध) सहित धर्म परिवर्तन अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में सात आरोपितों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच जारी है और जरूरत पड़ने पर और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
प्रशासन सतर्कघटना के बाद सीपत क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है। एहतियातन पुलिस बल की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी सूरत में कानून-व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जाएगी। बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि “धर्मांतरण जैसी अवैध गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
राजनीतिक हलचल भी तेजइस घटना के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में संगठित तरीके से मतांतरण की कोशिशें हो रही हैं और सरकार इन गतिविधियों पर आंख मूंदकर बैठी है। उनका कहना है कि अगर इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
दूसरी ओर, विपक्ष ने भी राज्य सरकार से सवाल पूछते हुए कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार को निष्पक्ष जांच कराते हुए सच्चाई जनता के सामने लानी चाहिए।
आगे की कार्रवाईफिलहाल पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। स्थानीय प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात बरता जा रहा है।
कुल मिलाकर, सीपत की यह घटना प्रदेश में धर्मांतरण और धार्मिक टकराव जैसे संवेदनशील मुद्दों को एक बार फिर चर्चा के केंद्र में ले आई है। आने वाले दिनों में यह मामला केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी गूंजता रहेगा।
You may also like
AFG vs BAN: अफगानिस्तान ने पहले वनडे में बांग्लादेश को 5 विकेट से हराया, इस खिलाड़ी ने गेंद औऱ बल्ले से बरपाया कहर
अमेजन की दिवाली स्पेशल डील: सिर्फ ₹5999 और ₹6999 में खरीदें शानदार स्मार्टफोन, सैमसंग का फोन भी शामिल
अपनों के लिए धड़का इजराइल का दिल
आर्कटिक ओपन: लक्ष्य सेन बाहर, मन्नेपल्ली ने भारतीय उम्मीदें बरकरार रखीं
इक़रा हसन तक ही बात सीमित नहीं है, जानिए पिछले 74 सालों में जो मुस्लिम महिलाएं बनीं सांसद