दिल्ली, राजस्थान और पंजाब की सीमाओं पर उभर रहा नया अंडरवर्ल्ड अब न सिर्फ़ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में गोलियों की गूँज से गूंज रहा है। लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बरार और रोहित गोदारा, जो कभी मिलकर अपराधों की योजना बनाते और उन्हें अंजाम देते थे, अब एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं। आपराधिक दुनिया में कभी "तीन शेरों" के नाम से मशहूर उनकी दोस्ती अब खून-खराबे और नफ़रत की कहानी बन गई है।
यह गैंगवार अब सिर्फ़ सड़कों पर या जेल की चारदीवारी के पीछे ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया के ज़रिए भी लड़ा जा रहा है। हर बड़ी घटना के बाद, फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर ज़िम्मेदारी लेने और प्रतिद्वंद्वी गिरोह को बदनाम करने के लिए पोस्ट वायरल हो रहे हैं। पुलिस के लिए चुनौती यह है कि अपराधियों ने अब सिर्फ़ बंदूक नहीं, बल्कि धर्म को भी अपना हथियार बना लिया है। दोनों गिरोह "धार्मिक रक्षकों" का वेश धारण करके युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। यह सिर्फ़ अपराध की जंग नहीं, बल्कि विचारधारा की लड़ाई बन गई है, जहाँ हर गोली के बाद एक भयानक गैंगवार होता है।
एक सोशल मीडिया पोस्ट से वर्चस्व की लड़ाई शुरू हुई
कभी एक-दूसरे के बिना अधूरे माने जाने वाले लॉरेंस, गोल्डी और रोहित ने मिलकर कई राज्यों में अपना साम्राज्य खड़ा किया था। लेकिन अब वे तीन गुटों में बँट गए हैं। लॉरेंस बिश्नोई पंजाब, जयपुर, अलवर और मेवात में अपनी पकड़ मज़बूत कर रहा है, जबकि रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ आनंदपाल गिरोह के पुराने नेटवर्क के सहारे पश्चिमी राजस्थान और हरियाणा में अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस फूट की पहली झलक 17 जून को देखने को मिली, जब श्रीगंगानगर में जिम से निकलते समय कॉलोनाइज़र आशीष गुप्ता पर हमला हुआ। गुप्ता के पैर में गोली लगी और उसके तुरंत बाद, "अनमोल बिश्नोई" नाम से एक फ़ेसबुक पोस्ट में धमकी दी गई, "यह सिर्फ़ एक चेतावनी थी, अगली बार सीने में गोली मार दी जाएगी।" पुलिस अभी घटना की जाँच कर ही रही थी कि कुछ ही घंटों बाद, रोहित गोदारा के साथियों ने पोस्ट को झूठा करार देते हुए ज़िम्मेदारी ले ली। गोल्डी बराड़ ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की, जिसमें दावा किया गया कि उसने हमले की योजना बनाई थी, लेकिन उसका हत्या का कोई इरादा नहीं था। उसी ऑडियो में, उसने पहली बार लॉरेंस और अनमोल से खुद को अलग किया। यहीं से संघर्ष शुरू हुआ।
बीकानेर में गोलियों की गूंज और गिरोह की बयानबाजी
9 सितंबर को बीकानेर के सादुलगंज में कांग्रेस नेता धनपत चायल और व्यवसायी सुखदेव चायल के घरों पर गोलीबारी हुई। लॉरेंस गिरोह के सदस्य हैरी बॉक्सर ने इस घटना की ज़िम्मेदारी ली। जब रोहित गोदारा का नाम इस घटना से जुड़ा, तो उसने सोशल मीडिया पर एक ऑडियो जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। इससे दोनों के बीच सोशल मीडिया पर खुली जंग छिड़ गई। गोदारा ने लॉरेंस को "देशद्रोही" कहा और उस पर अपने भाई अनमोल को बचाने के लिए अमेरिकी एजेंसियों को अपने नेटवर्क की जानकारी देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लॉरेंस अब अपराधी नहीं, बल्कि एक "प्रसिद्धि का भूखा अभिनेता" है जो निजी फायदे के लिए अपने साथियों को बेच देता है।
संगरिया में एक व्यवसायी की हत्या ने फिर से विवाद खड़ा कर दिया
12 सितंबर को हनुमानगढ़ जिले के संगरिया कस्बे में व्यवसायी विकास जैन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरजू बिश्नोई के नाम से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सामने आई, जिसमें दावा किया गया कि हत्या लॉरेंस गिरोह ने की है। इसमें गोल्डी ढिल्लों, अंकित भादू, काला राणा, हाशिम बाबा और जितेंद्र गोगी समेत कई गिरोहों को टैग किया गया था, लेकिन रोहित और गोल्डी के गिरोह का ज़िक्र नहीं था। पोस्ट का स्पष्ट उद्देश्य "डर बनाए रखना और प्रभुत्व स्थापित करना" था।
कुचामन में नया हमला, गोदारा गिरोह ज़िम्मेदार
7 अक्टूबर को, नागौर के कुचामन में एक जिम के बाहर व्यवसायी रमेश रुलानिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कुछ ही घंटों बाद, रोहित गोदारा गिरोह के एक सदस्य वीरेंद्र चरण ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दावा किया कि यह बदला है क्योंकि रुलानिया ने गिरोह का अपमान किया था। उसने लिखा, "जो कोई भी आदेशों की अवहेलना करेगा, उसका यही हश्र होगा।"
सीमाओं से परे फैलता एक नेटवर्क और एक नई फंडिंग रणनीति
दोनों गिरोह अब देश और विदेश में अपने नेटवर्क का तेज़ी से विस्तार कर रहे हैं। गोदारा की जड़ें पश्चिमी राजस्थान और शेखावाटी तक फैली हुई हैं, जबकि लॉरेंस की पहुँच जयपुर, अलवर, मेवात और पंजाब तक फैली हुई है। दोनों समूह धन जुटाने के लिए स्थानीय व्यापारियों और बिल्डरों को निशाना बनाते हैं। जबरन वसूली, फिरौती और हत्या के ज़रिए ये न सिर्फ़ दौलत कमाते हैं, बल्कि दहशत का माहौल भी बनाए रखते हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक़, साइबर क्राइम और सोशल मीडिया का यह अब एक नया मॉडल बन गया है, जहाँ हर अपराध के बाद पोस्ट या वीडियो जारी करके अपना दबदबा दिखाने की होड़ में युवा आकर्षित होते हैं।
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