झालावाड़ में हाल ही में हुए एक स्कूल हादसे के विरोध में प्रदर्शन करने के मामले में गिरफ्तार किए गए नरेश मीणा को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट के जस्टिस अशोक कुमार जैन की अदालत ने नरेश मीणा को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। यह मामला तब चर्चा में आया जब नरेश मीणा ने स्कूल हादसे के विरोध में अपने समर्थकों के साथ झालावाड़ अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया था।
नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों और राजनीतिक दलों ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया था। उनका आरोप था कि नरेश मीणा को सिर्फ अपनी आवाज उठाने और शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने के कारण गिरफ्तार किया गया। यह घटना तब सामने आई जब नरेश मीणा और उनके समर्थकों ने अस्पताल के बाहर एकत्र होकर हादसे का विरोध किया था, जिसमें कई बच्चों की जान चली गई थी।
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की कि क्या धरना-प्रदर्शन करना भी अब अपराध हो गया है? अदालत ने यह टिप्पणी उस संदर्भ में की जब नरेश मीणा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण मामले दर्ज किए गए थे। अदालत ने नरेश मीणा के खिलाफ उठाए गए आरोपों को गम्भीरता से देखा और जमानत देने का फैसला लिया।
नरेश मीणा की जमानत मिलने के बाद उनके समर्थकों ने राहत की सांस ली है। उनका मानना है कि यह कदम लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करता है, जिसमें नागरिकों को अपनी बात रखने का अधिकार है। वहीं, यह घटना सरकार और पुलिस विभाग के लिए एक संकेत हो सकती है कि शांतिपूर्वक विरोध और जनसहमति का सम्मान करना चाहिए।
अब जब नरेश मीणा को जमानत मिल चुकी है, तो यह मामला राज्य सरकार और पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा हो गया है। राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने सरकार से इस तरह के मुद्दों पर अधिक संवेदनशीलता दिखाने की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी भी नागरिक को अपनी आवाज उठाने पर इस तरह के उत्पीड़न का सामना न करना पड़े।
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