देहरादून, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्य के अपराध एवं कानून व्यवस्था पुलिस महानिरीक्षक नीलेश आनन्द भरणे ने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत अब तक की कार्रवाई में 5 हजार 5 सौ से अधिक लोगों का सत्यापन किया गया। इस दाैरान 14 से अधिक व्यक्तियों की गिरफ्तारी और 1182 व्यक्तियों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्यवाही की गई है। इस दाैरान बड़ी संख्या में संदिग्ध व्यक्तियों के दस्तावेजों की जांच, ठगी से जुड़े मामलों का पर्दाफाश और बाहरी तत्वों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया है।
अपराध एवं कानून व्यवस्था पुलिस महानिरीक्षक नीलेश आनन्द भरणे रविवार काे यहां पुलिस मुख्यालय में पत्रकाराें से वार्ता कर रहे थे। आईजी भरणे ने बताया कि देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और मूल स्वरूप को सुरक्षित बनाए रखने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री के निर्देशन में ऑपरेशन कालनेमि राज्यभर में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त कर रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त वैधानिक कार्यवाही करना है, जो अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर समाज में घुल मिलकर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे थे और ठगी, धोखाधड़ी एवं धर्मान्तरण जैसे अपराधों को अंजाम दे रहे थे।
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि इस अभियान का प्रभाव विशेषकर उन जिलों में अधिक देखा गया है, जहां बाहरी तत्वों की सक्रियता की सूचना प्राप्त हुई थी। हरिद्वार जिले में अब तक 2704 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया और उनमें से तीन लाेगाें को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह देहरादून जिले में 922 व्यक्तियों का सत्यापन और 5 लाेगाें की गिरफ्तारियां की गईं। इसके अलावा टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल और अन्य जिलों में भी पुलिस निरंतर कार्यवाही कर रही है।
उन्हाेंने कहा कि ऑपरेशन कालनेमि ने समाज में सकारात्मक संदेश दिया है कि उत्तराखण्ड पुलिस किसी भी ऐसे तत्व को बख्शने के पक्ष में नहीं है, जो देवभूमि की पवित्रता और जनता की आस्था के साथ छल करता है। उत्तराखण्ड पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है कि देवभूमि की पवित्र छवि अक्षुण्ण बनी रहे। इस दिशा में प्रदेश के प्रत्येक जिले में सतत निगरानी और सघन सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। ऑपरेशन कालनेमि” के माध्यम से पुलिस का यह संदेश स्पष्ट है कि समाज और संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि 31 अगस्त को गोपनीय माध्यम से सेलाकुई क्षेत्र में 01 बांग्लादेशी नागरिक के अपनी पहचान बदलकर अवैध रूप से रहने की सूचना प्राप्त हुई। प्राप्त सूचना पर एलआईयू देहरादून को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये, जिस पर एलआईयू यूनिट सहसपुर की टीम द्वारा सेलाकुई क्षेत्र मे सत्यापन अभियान चलाते हुए संदिग्ध व्यक्ति के संबंध में गोपनीय रूप से जानकारी एकत्र की। गोपनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर ग्राम कैंचीवाला धूमनगर चौक सेलाकुई से एक बंगाली डॉक्टर अमित कुमार को हिरासत में लिया गया, जिससे पूछताछ में पहले उसने अपना नाम अमित कुमार पुत्र मनीसन्त अधिकारी, निवासी पश्चिम बंगाल बताया, सख्ती से पूछताछ में अभियुक्त ने अपना वास्तविक नाम चयन अधिकारी व उसके मूल रूप से विलेज रोड श्रीपुर, सुल्तानपुर, पोस्ट – ढालग्राम, जेसोर, बांग्लादेश के होने की जानकारी दी। आरोपित के पास से पुलिस को भारत में अवैध तरीके से बनाये गए दस्तावेज आधार कार्ड, पैन कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस बरामद हुए है। इस तरह के अन्य उदाहरण भी पुलिस ने मीडिया के समक्ष रखे। ऑपरेशन कालनेमि के तहत उत्तराखंड पुलिस का अभियान आगे भी सतत् रूप से जारी रहेगा ।
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
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