फारबिसगंज/अररिया, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । रेल यात्रियों के बीच यह सवाल लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है कि सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस का विस्तार नरपतगंज के बजाय 12 किलोमीटर आगे फारबिसगंज जंक्शन तक क्यों नहीं किया जा रहा है? स्थानीय निवासियों और यात्रियों का मानना है कि रेलवे फारबिसगंज के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है क्योंकि यह विस्तार न केवल यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि रेलवे के राजस्व में भी भारी बढ़ोतरी करेगा। ऐसे में फारबिसगंज जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन को नजरअंदाज करना स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। वर्तमान में सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस (15531/15532) सहरसा से होते हुए जाती है, लेकिन इसका विस्तार सिर्फ नरपतगंज तक किया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह निर्णय समझ से परे है, क्योंकि फारबिसगंज जंक्शन एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो अररिया, जोगबनी और कटिहार को जोड़ता है। उनका सवाल है, क्या फारबिसगंज से कोई दुश्मनी है? फारबिसगंज से बड़ी संख्या में लोग काम और व्यवसाय के लिए पंजाब के अमृतसर जाते हैं। अगर यह ट्रेन फारबिसगंज तक आती है, तो इन यात्रियों को सीधी कनेक्टिविटी मिल जाएगी। इसके अलावा, इस विस्तार से रेणुमाटी जैसे छोटे स्टेशनों का भी संपर्क बढ़ेगा, जिससे सीमांचल के एक बड़े हिस्से को पंजाब और अन्य पश्चिमी राज्यों से सीधा जुड़ाव मिल जाएगा।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह विस्तार रेलवे के लिए भी फायदेमंद होगा। सीधी कनेक्टिविटी मिलने से यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, जिससे रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा। ऐसे में फारबिसगंज जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन को नजरअंदाज करना स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय है। फारबिसगंज के लोग लगातार रेलवे अधिकारियों और सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि जनसाधारण एक्सप्रेस का विस्तार फारबिसगंज तक किया जाए ताकि इस क्षेत्र के लोगों को भी इस सुविधा का लाभ मिल सके। यह मामला रेलवे की नीतियों और स्थानीय जरूरतों के बीच के अंतर को उजागर करता है। अब देखना यह होगा कि रेलवे इस मांग पर क्या कदम उठाता है और क्या फारबिसगंज के लोगों को उनका हक मिल पाता है।
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(Udaipur Kiran) / Prince Kumar
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