– जेसीबी और एक पोकलेन मशीन से अवैध निर्माण किया ध्वस्त
भोपाल, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ड्रग तस्करी और दुष्कर्म केस के आरोपियों यासीन और शाहवर मछली के परिवार की हथाईखेड़ा स्थित तीन मंजिला कोठी को जमींदोज कर दिया। कार्रवाई से पहले प्रशासन ने कोठी में रखा सारा सामान बाहर निकलवाया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह कोठी सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी, इसलिए इसे पूरी तरह ध्वस्त किया जा रहा है। कार्रवाई में दो जेसीबी और एक पोकलेन मशीन लगाई गई है।
जानकारी के अनुसार, मौके पर एसडीएम विनोद सोनकिया, जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस का पूरा अमला मौजूद है। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए करीब 400 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह तीन मंजिला कोठी लगभग 6,000 वर्ग फीट में बनी थी, जिसकी अनुमानित कीमत 10 करोड़ रुपये बताई जा रही है। आसपास गार्डन और अन्य हिस्सों को मिलाकर यह निर्माण करीब एक एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ था।
यह है मामला
गौरतलब है कि भोपाल पुलिस ने कॉलेज छात्राओं से जुड़े दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग मामले में शाहवर मछली और उसके भतीजे यासीन को गिरफ्तार किया था। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद चाचा शारिक मछली भी पुलिस की गिरफ्त में आया। तलाशी में उनके पास से तीन ग्राम एमडी ड्रग, एक देशी पिस्टल बरामद हुई थी। यासीन के मोबाइल में ऐसे वीडियो भी मिले थे, जिनमें वह युवकों को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटता दिख रहा है। मोबाइल में युवतियों के आपत्तिजनक वीडियो भी मिले। पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान दोनों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। आरोपियों ने बताया कि वे राजस्थान से ड्रग लाते थे। इसके बाद भोपाल के अलग-अलग पब और लाउंज में पुराने और भरोसेमंद फिक्स कस्टमरों तक ड्रग्स पहुंचाई जाती थी।
बता दें कि इस मामले में प्रशासन ने 30 जुलाई को बड़ी कार्रवाई करते हुए मछली परिवार के 6 अवैध निर्माण तोड़े थे। करीब 50 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने फार्म हाउस, वेयर हाउस, फैक्ट्री और मकान को तोड़ा था। अवैध संपत्ति की कुल कीमत 100 करोड़ रुपए आंकी गई थी। वहीं, नियमों के चलते हथाईखेड़ा स्थित तीन मंजिला कोठी को सील किया था। हालांकि कुछ सामान तभी खाली करवा दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए प्रशासन ने नियमानुसार रियायत दी थी। एसडीएम सोनकिया ने बताया कि अवधि खत्म होते ही कोठी तोड़ने की कार्रवाई की गई है।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत
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